मुंबई में किसी भी टैलीविजन चैनल के दफ्तर में जिधर भी नजर जाती है, सब की पोशाकें स्मार्ट कैजुअल दिखती हैं. जींस, टीशर्ट, लैगिंग्स, टौप्स आदि विभिन्न रंगों की पोशाकें चारों तरफ दिखाई पड़ती हैं. पूछने पर पता चला कि ऐसी पोशाक वे हर दिन पहनते हैं. वजह बहुत साधारण थी. ऐसी पोशाक को न तो प्रैस की जरूरत होती है, न ही अधिक रखरखाव की. मीटिंग से ले कर आउटडोर वर्क, हर जगह कैजुअल पोशाक आसानी से चलती हैं. अधिक समय तक इसे पहने रहने पर थकान का अनुभव भी नहीं होता.

इतना ही नहीं, किसी भी ऐड एजेंसी के व्यक्ति, कितने ही टौप पोस्ट पर क्यों न हों, जींस और टीशर्ट ही पहनना पसंद करते हैं. एक मीटिंग के दौरान स्टार टीवी की वाइस प्रैसिडैंट जब कैजुअल ड्रैस के साथ मिलने आईं तो यह समझना मुश्किल था कि वे इतनी बड़ी पोस्ट पर बिना फौर्मल ड्रैस के कैसे काम कर रही हैं.

सालों से चले आ रहे ड्रैस कोड जब मौडर्न बिजनैस पैटर्न के साथसाथ बदले गए तो बहुत सारे दिग्गजों ने नाकभौं सिकोड़े. दरअसल, आज के यंग बिजनैस फाउंडर्स ने पुरुषों और महिलाओं को बिना ड्रैस कोड के औफिस में आने की इजाजत दी. वे सभी कर्मचारियों को उन के फर्स्ट नाम से बुलाने और उन के साथ टीम बना कर काम करने में विश्वास करने लगे. उन का मानना है कि ऐसा करने से वे हर कर्मचारी के नजदीक होंगे और ऐसे में उन की सोच व कंपनी का भरोसा उन्हें आगे बढ़ने में मददगार साबित होगा. यह देखा भी गया कि कैजुअल ड्रैस में उन के व्यवहार भी काफी अच्छे थे, वे किसी विषय पर खुल कर बात करने में घबराते नहीं थे.

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