2016 का आखिरी सप्ताह. नए साल की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. हर बार नए साल की शुरुआत पर आप कुछ नया करने की कोशिश करती हैं. साथ ही अपने व्यक्तित्व में सुधार के लिए कोई न कोई रिजोल्यूशन लेती हैं. इस बार व्यक्तित्व में सुधार के साथ साथ अपनी आर्थिक आदतों में भी सुधार का रिजोल्यूशन लें.
1. फाइनेंशियल ऐम बनायें और उन्हें पूरा करें
लक्ष्य के बिना न तो हम फाइनेंशियल प्लानिंग का पहला कदम रख सकते हैं और न ही कहीं निवेश की तैयारी कर सकते हैं. ऐसे में जरूरी है कि आप नए साल की शुरुआत लक्ष्यों के साथ करें. हर व्यक्ति के जीवन में विभिन्न लक्ष्य होते हैं जैसे कार, मकान खरीदना, बच्चों की पढ़ाई-शादी, रिटायरमेंट आदि. अपने लक्ष्यों की लिस्ट बनायें और उन्हें पूरा करने का समय भी तय करें.
2. बेमतलब खर्च न करें
आपकी बचत आपके खर्चों और लाइफ स्टाइल पर निर्भर करती है. इसलिए अपने खर्चों का हिसाब-किताब रखें एवं समय पर रिव्यू करें कि कैसे खर्चों में कमी की जा सकती है.
3. टैक्स सेविंग
ज्यादातर व्यक्ति जल्दबाजी में टैक्स बचत के लिए बिना अधिक विचार किए कहीं भी निवेश कर देते हैं, जिसमें टैक्स बचत तो हो जाती है, परंतु भविष्य की आवश्यकताओं की पूर्ति सही ढंग से नहीं हो पाती है. इसलिए वर्ष के शुरूआत में ही प्लैनिंग कर लेनी चाहिए.
4. इमर्जेंसी फंड एवं इंश्यारेंस कवर का बढ़ाएं दायरा
हम सभी चाहते हैं कि हमारा कल सुखमय हो. लेकिन समय आपको किसी भी परिस्थिति में लाकर खड़ा कर सकता है. ऐसे में जरूरी है कि आप अपनी रिस्क लेने की क्षमता को पहचाने और अपनी जरूरत के अनुसार एक इमर्जेंसी फंड तैयार करें. इसके साथ ही इंश्योरेंस कवरेज का भी ध्यान रखें.
5. अपनी वसीयत लिखें
सामान्यत: लोग 60 से 70 वर्ष की आयु के बाद ही वसीयत लिखने की योजना बनाते हैं एवं अधिकांश लोगों की मृत्यु बिना वसीयत लिखे ही हो जाती है, जिससे परिवार को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, अत: 18 वर्ष की आयु से अधिक मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति, जिनके पास संपत्ति/जीवन बीमा पॉलिसी है, को अपनी वसीयत आवश्यक रूप से लिखना चाहिए.