दुनिया को कुछ हिस्सों में बांटा गया है. किन हिस्सों में? कभी सोचा है? देश, राज्य, धर्म, जातियों में नहीं, पर दुनिया को बड़े करीने से सिर्फ दो हिस्सों में बांटा गया है. चौंकिए मत, चाहे कोई भी देश हो, राज्य हो या कोई भी धर्म हिस्से तो सिर्फ दो ही हैं. एक पुरुष और एक स्त्री. दुनिया को बांटने के साथ ही पुरुषों और स्त्रियों के काम काज को भी बांट दिया गया था.
पुरुषों का काम है घर से बाहर जाकर काम काज करना और स्त्रियों का काम है घर संभालना, घर की देखभाल करना. नि:स्वार्थ भाव से काम करने के बावजूद कोई पगार तो दूर कितने लोग तो स्त्रियों के काम की कद्र ही नहीं करते. पुरुष का काम है घर के लिए पैसे कमाना. मतलब पुरुष का काम है घर के लिए आटे का जुगाड़ करना, और पुरुषों का ही काम है आटे की कंपनी चलाना, पर स्त्रियों का काम है उस आटे से कुछ खाने लायक बनाना. इसके अतिरिक्त कुछ करना.
पर इतिहास गवाह है कि समय समय पर इस मानसिकता को कई स्त्रियों ने चुनौति दी है. आज जानते हैं ऐसी ही कुछ स्त्रियों के बारे में जिन्होंने पितृसत्तामक समाज के खिलाफ जाकर अपनी पहचान बनाई.
1. कोको चैनल (Gabrielle ‘Coco’ Channel)
फैशन की दुनिया में ‘चैनल’ ब्रांड का अलग ही रुतबा है. गैब्रिएल ‘कोको’ चैनल एक मामूली हैट डिजाइनर थी. पर अपनी प्रतिभा से उन्होंने फ्रांस के संपन्न परिवारों के बीच अपनी जगह बनाई. उनके खूबसूरत डिजाइन के हैट लोगों को खूब पसंद आए. उन्होंने फोर्बस की ‘20वीं सदी की 100 सबसे मश्हूर हस्तियों’ में अपनी जगह बनाई. प्रथम विश्वयुद्ध के बाद औरतों को कोरसेट(corset) के चंगुल से छुड़ाने का श्रेय भी कोको को ही जाता है.