आपकी मासिक आमदनी कहां खर्च होती है? क्या आपने कभी इस बात का हिसाब लगाया है कि आपके घर पर आपकी आय का कितना खर्च हो रहा है. आपको पता होना चाहिए कि अगर आप घर का बजट बनाती हैं तो आप काफी पैसा व्यर्थ नष्ट होने से बचा सकती हैं. इसके साथ ही आप चीजों की सही लागत का अनुमान भी लगा सकती हैं.

घर का बजट प्रबंधन करने से क्या अर्थ है

बजट बनाने का अर्थ घर के सभी खर्चों का हिसाब लगाने से कहीं बढ़कर है. इसके जरिए आप हिसाब लगा सकती हैं कि आपकी आय में से कितना खर्च होता है और कितना इसमें से बचाया जा सकता है. घर का बजट बनाने का अर्थ है कि आप अपनी जीवन-शैली का अनुमान लगा रही हैं. समय पर बिल भुगतान करना, कर्जों का सही समय पर निपटारा करना और अपनी बचत, निवेश लक्ष्यों को हासिल करना भी इसी के अंतर्गत आता है.

घर का बजट बनाने का सबसे सही उपाय है कि आप खर्चों के लिए अलग-अलग लिफाफे बनाएं (किराए, बिजली बिल, कार ईएमआई इत्यादि) इसके जरिए आप बिल्कुल सही तरीके से जान पाएंगी कि कितना पैसा किस मद पर खर्च हो रहा है. और अगर कुछ बचता है तो आप बची हुई राशि को अगले महीने के लिए बचाकर रख सकती हैं या फिर अपनी बचत के रूप में अलग भी रख सकती हैं.

आप अपनी मासिक आमदनी का हिसाब लगाएंगी तो आप को पता चलेगा कि आप कि कौन से खातों से कर्ज चुकाने हैं और कौन से खातों में आपकी आमदनी जा रही है.

बड़ा सवालः शुरुआत कहां से करें?

योजना बनाने से शुरूआत करें

शुरूआत के लिए अपनी छोटी से बड़ी जरूरतों और इच्छाओं की लिस्ट बनाकर देखें. खर्चों को जरूरतों और चाहतों के बीच बांटने से आपको ज्ञात होगा कि जीने के लिए किन चीजों की जरूरत है और कौन-कौन से खर्चे सिर्फ आपकी जीवन-शैली को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक हैं.

बजट का एक उपयुक्त फौर्मेट बनाएं

आप इन्हें इंटरनेट से डाउनलोड कर सकती हैं. आपको अपनी मासिक आय के हिसाब से चलना होगा और इसके आधार पर ही लागत निकालनी होगी. तो सारी अंकगणना और हिसाब-किताब इस तरह से करें कि आपके साल भर का बजट तैयार हो जाए. एक हफ्ते के बजट को 52 हफ्तों से गुणा करें और इसके बाद देखें कि आपकी सालाना आमदनी में ये फिट हो रहा है या नहीं. अगर ये सही तरह से फिट नहीं हो रहा है तो इसका मतलब है कि आपकी गणना में कोई गलती है. एक महीने के बजट को 12 से गुणा करें. इसी तरह तिमाही बजट को 4 से गुणा करें जिससे आपको पता चले कि आपका हिसाब आपकी जरूरतों के हिसाब से सही है या नहीं.

सिर्फ बजट बनाना ही काफी नहीं है, इसे देखें कि आपका बजट केवल कागजों पर ही नहीं बल्कि असली जिंदगी में भी सही चल रहा है या नहीं. एक सही बजट वही है जो देखने में भले ही साधारण हो लेकिन आपकी आवश्यकताओं को पूरा करने में सफल साबित हो.

अब जब आपको पता लग गया है कि आपका पैसा कहां खर्च हो रहा है और आपकी वास्तविक जरूरतें क्या हैं तो आप हर थोड़े दिनों बाद बजट का विश्लेषण भी कर सकती हैं.

मौल की बजाए लोकल खरीदारी करें

हो सकता है कि सुपरमार्केट में आपकी सारी जरूरतों की चीजें एक साथ मिल जाती हैं लेकिन अगर आप थोड़ा सा खोजें और कीमतों की तुलना करें तो पाएंगी कि लोकल दुकानों पर भी समान उत्पाद मिल जाते हैं वो भी कम कीमत पर.

आकस्मिक खर्चों के लिए तैयार रहें

कार मरम्मत, चिकित्सा खर्च, शादी और जन्मदिन, घरेलू उपकरणों का रख-रखाव, आकस्मिक यात्राएं ऐसे खर्च हैं जिनके लिए आपके बजट में कुछ स्थान जरूर होना चाहिए. 

बढ़ती महंगाई के दौर में अपने बजट को हर महीने जांचे और देखें कि इसमें कुछ नए प्रबंध करने की गुंजाइश है क्या. इसके अलावा हर तीन महीने के बजट को भी दुबारा जांचे. जिस हिसाब से महंगाई बढ़ रही है उसको देखते हुए ये काफी जरूरी है.

जिम्मेदारियां बांटे

अगर आपके परिवार में वयस्क और युवा लोग हैं तो बेहतर होगा कि उन्हें भी इस बात की जानकारी हो कि एक पूरे महीने मासिक आमदनी को कैसे चलाया जाता है. इसके अलावा अगर आपके घर में बच्चे हैं तो उन्हें भी इसकी जानकारी दें और सिखाएं कि बजट कैसे बनाया जाता है. आप निश्चित ही ये देखकर हैरान होंगी कि आपके बच्चों के पास कितने नए और उपयोगी सुझाव हैं. 

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