ज्यादातर होम लोन प्रदाता प्रॉपर्टी की कीमत का 80 फीसद तक लोन देते हैं. लेकिन उतना ही लोन लेना चाहिए, जितना आसानी से अदा कर सकते हों. इसके लिए मासिक आमदनी, नौकरी की स्थिति, स्थायित्व, अन्य कर्जों एवं देनदारियों पर विचार कर लेना चाहिए.
अपने सपनों के घर का मालिक बनना अब हकीकत में बदल चुका है. ज्यादा से ज्यादा लोग अब युवावस्था में ही अपना मकान खरीदने का प्रयास कर रहे हैं. और इसमें जो चीज सबसे ज्यादा मददगार साबित हो रही है वह है होम लोन. लेकिन ऐसी तमाम बातें हैं, जिनका होम लोन लेने से पहले ध्यान रखना जरूरी है. इससे होम लोन चुकाने में दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ता और आप निर्धारित अवधि में रकम अदा कर पाते हैं.
ज्यादातर लोग अपने होम लोन देने वाले का चयन ब्याज दर के आधार पर करते हैं. यानी जो बैंक सबसे कम ब्याज दर पर लोन दे रहा हो उसी को सबसे अच्छा मानते हुए होम लोन ले लेते हैं. हालांकि होम लोन लेते वक्त अकेले ब्याज दर पर गौर करना समझदारी नहीं है. कई अन्य बातों पर भी ध्यान देना चाहिए. मसलन, कौन बैंक कितना अधिक लोन दे रहा है. ब्याज दर फिक्स्ड है या फ्लोटिंग, प्रोसेसिंग फीस और प्री-पेमेंट चार्जेस वगैरह कितने हैं. इसके अलावा यह भी आवश्यक है कि कर्ज लेने से पहले अपने होम अर्थात जिस मकान या फ्लैट के लिए लोन लिया जा रहा है, उसकी खरीद को अंतिम रूप दे दिया जाए. अन्यथा होम लोन मिलने में दिक्कत हो सकती है.
होम लोन की राशि
ज्यादातर होम लोन प्रदाता प्रॉपर्टी की कीमत का 80 फीसद तक लोन देते हैं. लेकिन आपको उतना ही लोन लेना चाहिए, जितना आप आसानी से अदा कर सकते हों. इसके लिए अपनी मासिक आमदनी, नौकरी या कारोबार की स्थिति, स्थायित्व, अन्य कर्जों एवं देनदारियों पर भलीभांति विचार कर लेना चाहिए. मोटा-मोटा नियम यह है कि आपकी मासिक किस्त यानी ईएमआइ आपकी सकल मासिक आय के 40 फीसद से अधिक नहीं होनी चाहिए.
वापसी की अवधि
होम लोन लेने वाले ज्यादातर लोग जल्द से जल्द अपना लोन अदा करना चाहते हैं. इसके लिए वे कम अवधि में अधिक ईएमआई देना पसंद करते हैं. मगर युवाओं के लिए हमारी सलाह है कि वे कम ईएमआई वाले लंबी अवधि के कर्ज लें. इससे वे ज्यादा लोन प्राप्त कर सकते हैं. इसके बावजूद लोन को जल्द अदा करने का प्रयास करना चाहिए. जब भी उनके पास कुछ अतिरिक्त राशि उपलब्ध हो, होम लोन अदा करने में उसका उपयोग करें. इन दिनों ज्यादातर होम लोन प्रदाता समय से पहले लोन वापसी पर कोई प्री-पेमेंट पेनाल्टी नहीं वसूलते.
ब्याज दर
हालांकि पिछले साल भर में आरबीआई ने नीतिगत ब्याज दरों को कम किया है. नतीजतन होम लोन पर ब्याज दर, जो दर 11.5 फीसद तक पहुंच गई थी वह अब पुन: घटकर 9.5 फीसद तक आ गई है. इससे ईएमआई भी कम हुई है. इसमें और कमी हो सकती है. हमें यह निश्चित तौर पर नहीं मानना चाहिए कि ब्याज दर अब फिर नहीं बढ़ेगी.
वापसी सुनिश्चित करें
अपने होम लोन की हर हाल में वापसी सुनिश्चित करें. ताकि यदि खुदा-न-खास्ता आपको कुछ हो जाए, (कोई गंभीर बीमारी, दुर्घटना, नौकरी जाना अथवा मृत्यु), तो उस स्थिति में भी आपके परिवार से घर न छिने. इसके लिए होम लोन लेने के साथ उसका बीमा कराना जरूरी है. कोई भी जीवन बीमा कंपनी जिसका आपके होम लोन प्रदाता बैंक के साथ गठजोड़ है, यह काम कर देगी. वैसे आप किसी भी बीमा कंपनी से अलग से मकान का बीमा करा सकते हैं. इसके लिए थोड़ा सा एकमुश्त प्रीमियम चुकाना होगा.
कर लाभ
होम लोन लेते वक्त उसके साथ मिलने वाले कर लाभों का आकलन भी कर लेना चाहिए. कर लाभ मूल धन (प्रिंसिपल अमाउंट) व वार्षिक ब्याज (एन्युअल इंट्रेस्ट) दोनों पर उपलब्ध है. किसी अन्य शहर में नौकरी करने वाले लोगों को होम लोन पर कर लाभ के अलावा अपने सेवायोजक की तरफ से एचआरए का लाभ भी मिलता है.