फैशन और ग्लैमर से जुड़े क्षेत्र ऐसे हैं जहां लड़की का रूप व आकर्षण उस की शैक्षणिक योग्यता से अधिक माने रखता है. किंतु सांवले या गोरे रंग के आधार पर वहां किसी लड़की के सौंदर्य को नहीं आंका जाता. व्यापारिक प्रतिष्ठानों की कामयाबीनाकामयाबी का पूरा दारोमदार उन के सेल्स पर्सन्स पर ही निर्भर करता है. ये सेल्सपर्सन्स या कहें कि सेल्सगर्ल्स उपभोक्ताओं के समक्ष अपनी कंपनी का प्रतिनिधित्व करती हैं. अत: स्पष्ट है कि एक बेहतरीन सेल्सगर्ल न केवल अपनी कंपनी की छवि को बना सकती है, बल्कि बिगाड़ भी सकती है.
यह सही है कि हर व्यक्ति अच्छा सेल्सपर्सन नहीं बन सकता. इस क्षेत्र के एक गुट का मानना है कि कुछ व्यक्तियों में बेचने की कला जन्मजात होती है, जबकि दूसरे गुट का मानना है कि कुछ विशेष प्रबंधन के नियमों व सिद्धांतों को सीख कर कोई भी व्यक्ति इस कला में माहिर हो सकता है. एक अच्छी सेल्सगर्ल बनने के गुण जन्मजात नहीं अपितु बाजारवाद के कुछ मूलभूत नियमों जैसेकि अपने किए गए वादों पर खरा उतरने की कला और बेचने की कला में पूर्ण व्यावसायिकता के सिद्धांतों के पालन पर निर्धारित होते हैं. ‘सेल्स ऐंड डिस्ट्रीब्यूशन मैनेजमैंट’ नामक पुस्तक में लेखक तपन पांडा तथा सुनील सहदेव बताते हैं कि एक अच्छे सेल्सपर्सन में अपनी बात दूसरों तक पहुंचाने की कला, दूसरे की बात को ध्यानपूर्वक सुनने की कला, वादविवाद को हल करने की प्रतिभा, समस्याओं का हल ढूंढ़ने की कला, कंपनी के लिए अधिक से अधिक बिजनैस लाने की कला और ग्राहकों के साथ तोलमोल की कला आदि गुण होने चाहिए.
आप चाहे गोरी हों या सांवली आप का व्यक्तित्व इतना प्रभावशाली होना चाहिए कि वह ग्राहक पर सकारात्मक प्रभाव डाले. आप के एक भी शब्द बोले बिना ही वह आप का कायल हो जाए. यही कारण है कि किसी भी सेल्सगर्ल को ग्राहक से मिलते समय पहनावे आदि का खास ध्यान रखना चाहिए. कोई भी ग्राहक पहली ही नजर में आप के कपड़ों, बाल बनाने के ढंग, आप के आचारव्यवहार से आप की योग्यता और व्यावसायिकता के विषय में एक राय बना लेता है.
यही वह मुख्य घटक है, जो किसी सेल्सगर्ल के रंगरूप व सौंदर्य को ले कर सारी धारणाओं का जन्मदाता बनता है. यहीं से सारी गलतफहमियों की शुरुआत होती है. ध्यान रहे, कोई भी कंपनी अयोग्य और अनुभवहीन गोरी और स्मार्ट लड़कियों को मात्र इसलिए नौकरी नहीं दे देती कि वे पहली ही नजर में ग्राहक को लुभा कर कंपनी के लिए अधिक मुनाफा कमाने वाली साबित होंगी, क्योंकि काठ की हांड़ी बारबार नहीं चढ़ती है. दीर्घकालीन व्यापारिक संबंधों के लिए कोई भी ग्राहक किसी सेल्सगर्ल में कुछ खास गुणों को परखता है और वे हैं अनुभव और ज्ञान.
उदाहरण के तौर पर यदि आप एक डायरी बेच रही हैं, तो जानें कि ग्राहक के लिए डायरी क्या महत्त्व रखती है. उसे किस प्रकार की डायरी की जरूरत है, बजट क्या है और वह साल भर में कितनी डायरियां खरीदता है. पहले से ही एकत्र कर ली गई इस प्रकार की जानकारी ग्राहक पर बहुत अच्छा प्रभाव डालती है. डिलिवरी के बाद माल खराब निकलने या कमज्यादा होने अथवा कोई और समस्या होने पर उसे सुलझाने में सेल्सगर्ल समर्थ है या नहीं, यह भी ग्राहक देखता है. अत: किसी भी सेल्सगर्ल का आत्मविश्वास व योग्यता ही उस समय काम आती है न कि उस का रंगरूप.
एक सफल सेल्सगर्ल को अपने प्रैजेंटेशन की पूरी तैयारी पहले से ही कर लेनी चाहिए. ‘हाई ट्रस्ट सैलिंग’ नामक पुस्तक में लेखक टाड डंकन कहते हैं कि ग्राहक के सम्मुख सेल्सगर्ल की परफौर्मैंस स्टेज पर किए जाने वाले नाटक जैसी होती है. उस में फिल्मों की तरह रीटेक का समय नहीं होता. सेल्स एक लाइव परफौर्मैंस है. अत: आप की छोटी सी गलती भी पकड़ में आ जाती है. एक गलत कदम सारी मेहनत पर पानी फेर सकता है, इसलिए अपने उत्पाद से जुड़ी हर बात का विस्तृत ब्योरा सेल्सगर्ल के पास होना जरूरी है.
एक अच्छी व सफल सेल्सगर्ल बनने के लिए निम्न बातों पर ध्यान दें:
– क्या आप को ग्राहक से बातचीत करने में कठिनाई होती है?
– क्या आप ग्राहक की जिज्ञासा तथा सवालों के जवाब देने के लिए हमेशा मानसिक तौर पर तैयार रहती हैं तथा पूछी या मांगी गई कोई भी जानकारी देने के लिए सदा तैयार रहती हैं?
– फोन पर सुचारु एवं प्रभावशाली ढंग से मीटिंग का समय निर्धारित करने में क्या आप को कठिनाई होती है?
– क्या आप को निर्धारित की गई मीटिंगों को समय से निबटाने में कठिनाई होती है?
– जब आप किसी ग्राहक से व्यापारिक समझौता कर रही होती हैं, तो आप के दिमाग में क्या चलता है- उस सौदे से मिलने वाले कमीशन या ग्राहक के साथ अच्छे व दीर्घकालीन संबंध?
– क्या आप को पता रहता है कि प्रैजेंटेशन देते समय आप को कितना व क्या बोलना है?
– जब आप को कोई नकारात्मक टिप्पणी सुनने को मिलती है, तो आप की प्रतिक्रिया क्या और कैसी होगी?
– क्या आप को ग्राहक की न को हां में बदलने की कला आती है?
– क्या आप के भीतर पर्याप्त आत्मविश्वास है कि आप एक अच्छी सेल्सगर्ल बन सकती हैं?
भीतर इन प्रश्नों को टटोलें, कमियों को दूर करें तथा खूबियों को निखारें. यह कोई मुश्किल काम नहीं है.
कोई भी बिजनैस गुरु या मार्केटिंग ऐक्सपर्ट एक अच्छी सेल्सगर्ल के गुणों को परिभाषित करते समय त्वचा के रंग की बात कदापि नहीं करता. इतना ही नहीं, समाज में त्वचा के रंग को ले कर भ्रांतियां फैलाने के विरुद्ध हाल ही में ऐडवर्टाइजिंग स्टैंडर्ड कौंसिल औफ इंडिया ने भी एक दिशानिर्देश जारी किया है. सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने भी उस दिशानिर्देश को मान्यता देते हुए साफ आदेश जारी किया है कि सांवले रंग को अनाकर्षक, पराजय, दुख, निराशा आदि का कारण नहीं माना जा सकता. साथ ही यह भी कहा गया है कि टीवी पर प्रसारित होने वाले किसी भी विज्ञापन में शिक्षा, विवाह अथवा रोजगार के लिए गोरे रंग को उच्च व सांवले रंग को निम्न स्तरीय नहीं दिखाया जा सकता.
आकर्षक व्यक्तित्व पाने के लिए चेहरे पर झलकता आत्मविश्वास ही सब से बड़ा मेकओवर है. उस के बाद आप का ढंग से तैयार होना, व्यवस्थित ढंग से बाल बनाना, व्यावसायिक ड्रैस कोड का महत्त्व समझना, चेहरे के हावभाव, मुसकराहट, बोलचाल, उठनेबैठने का ढंग इत्यादि बातों पर ध्यान देना अतिआवश्यक है. स्वस्थ त्वचा है खूबसूरती का राज: अगर आप की त्वचा कांतिहीन है, तो आप के नैननक्श व रंगरूप चाहे जैसा भी हो आप हरगिज खूबसूरत नहीं कहला सकतीं. साफ, स्वस्थ दमकती त्वचा चेहरे की खूबसूरती में चार चांद लगा देती है. इस के लिए खूब पानी पीएं, ताजे फलों और सब्जियों का नियमित सेवन करें. त्वचा के प्रकार के हिसाब से मेकअप करें. आईब्रोज को उचित आकार दें. हाथों व पैरों की त्वचा को भी नजरअंदाज न करें. नाखून लंबे हों या छोटे, सदा साफ व हलके रंग से पेंट किए हों. सनस्क्रीन क्रीम तथा रात को सोते समय नाइट क्रीम का प्रयोग करें.
बाल बनाना भी एक कला है: बालों का स्वस्थ व चमकदार होना भी सौंदर्य के लिए उतना ही आवश्यक है जितना कि त्वचा का स्वस्थ होना. अपने बालों की समुचित देखभाल करें. चेहरे के हिसाब से बालों को टौप नौट, फ्रैंचरोल, पोनीटेल या सादे जूड़े में बांधें. कटे तथा छोटे बालों को पिनअप करें तथा सुंदर हेयरस्टाइल बनाएं. मेकअप है मेकओवर की जान: मेकअप का प्रयोग बेहद सावधानी से करें. आप को मीटिंग में जाना है शादी या पार्टी में नहीं. अत: मेकअप के लिए हलके रंगों का प्रयोग करें. कंसीलर युक्त फाउंडेशन का सीमित प्रयोग करें. लिपस्टिक त्वचा से मेल खाती हो, भड़काऊ नहीं. आईलाइनर या काजल का सलीके से किया गया प्रयोग आंखों के सौंदर्य को उभारेगा.
ड्रैस कोड: ऐसे कपड़े पहनें जो आप के प्रोफैशनल लुक को उभारें. तीखे रंगों व तड़कभड़क वाले कपड़े न पहनें. कपड़े मौसम और आप की कदकाठी के हिसाब से हों. वे फैशनेबल नहीं ट्रैंडी हों. उन का कट शालीन व उचित नाप का हो. बहुत अधिक डीप नैक या बैकलैस ड्रैस हरगिज न पहनें.
बौडी लैंग्वेज: आप की बौडी लैंग्वेज बिना बोले ही दूसरों पर आप के व्यक्तित्व के आधे से ज्यादा राज खोल देती है. आप के चलनेफिरने का ढंग आप का आत्मविश्वास दिखाता है. आप कमरे में कैसे प्रवेश करती हैं, कैसे हाथ मिलाती हैं, यह सब आप के भीतर का डर दिखा जाता है. आंखों व चेहरे की भंगिमाएं बहुत कुछ कह जाती हैं. अत: इन सब बातों का ज्ञान एक सफल सेल्सगर्ल के लिए जरूरी है.
मुसकान व दांत: एक सौम्य मुसकराता चेहरा सभी को आकर्षक लगता है. मधुर मुसकान पाने के लिए शीशे के सामने खड़ी हो कर अभ्यास करें. दांत भले मोतियों जैसे सुंदर न हों पर पीले कदापि न हों. चमकदार दांत मुसकान को और आकर्षक बना देते हैं. मुंह से आती दुर्गंध पर विशेष ध्यान दें.
इन सब बातों पर अमल करने पर आप को एक स्मार्ट, अपटूडेट, इंटैलिजैंट, प्रोफैशनल सेल्ससगर्ल बनने से कोई नहीं रोक सकता.