महीने की आखिरी तारीख को जब सैलरी आपके अकाउंट में आ जाती है, आप उसका क्या करते हैं? हमारी कुछ प्राथमिकताएं पहले से तय होती हैं, जैसे- किराया, EMI, स्कूल फीस वगैरह. इसके अलावा हम कुछ पैसे उन प्लान्स के लिए बचाते हैं जिन्हें हम आने वाले दिनों में अंजाम देने वाले हैं. इसमें से कुछ पैसे हम फ्यूचर के बाकी जरूरी कामों के लिहाज से भी बचाते हैं.

1. स्पेडिंग मनी यानी खर्च किए जाने वाले पैसे

इन पैसों को हमें पहले से तय प्राथमिकताओं पर खर्च करना होता है. जैसे- किराया, घरेलू खर्च, EMI और स्कूल फीस वगैर. इसके अलावा लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस के लिए किए जाने वाले पेमेंट्स भी इसी कैटिगरी में आते हैं. इनमें से कुछ चीजों पर हर महीने खर्च करना होता है तो कुछ पर सालाना. लेकिन रोजाना की जिंदगी में खर्च चलाने के लिए इन्हीं पैसों का इस्तेमाल करते हैं.

2. शॉर्ट टर्म मनी

1 से 5 साल के अंदर होने वाले खर्च के लिए आपको नियमित रूप से पैसे अलग से निकाल कर रखना चाहिए. जैसे, कार खरीदने के लिए या घर का डाउन पेमेंट करने के लिए. इसके लिए आरडी या एफडी यूज करें. आप कुछ सुरक्षित डेट फंड्स भी चुन सकते हैं क्योंकि इन पर टैक्स बहुत कम लगता है.

3. लॉन्ग टर्म मनी

रिटायरमेंट के लिहाज से सेव किए, बच्चों की हायर एजुकेशन और शादी के लिए इकट्ठा किए जाने वाले पैसे लॉन्ग टर्म मनी की कैटिगरी में आते हैं. लॉन्ग टर्म मनी इन्वेस्ट या सेव करते वक्त आपको मंहगाई को भी ध्यान में रखना चाहिए. क्योंकि मंहगाई बढ़ने के साथ ही आपके पैसे की वैल्यू भी कम हो जाएगी.

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