महंगाई बढ़ती जा रही है तो पैसा भी ज्यादा खर्च हो रहा है. मिडिल क्लास की सब से बड़ी चिंता है कि आमदनी उतनी ही है जबकि खर्च ज्यादा हो रहा है. लेकिन थोड़ी सी समझदारी और प्लानिंग के साथ आप पैसे को अपने इशारे पर नचा सकते हैं. बस, आप पैसों को खर्च करने के मामले में ही नहीं बल्कि बचत के मामलों में भी रुचि लेना शुरू कर दें. आप होममेकर हैं, दिन भर काम में ऐसी उलझी रहती हैं कि दूसरी चीजों पर ध्यान ही नहीं जाता. कभी फुरसत मिले तो बस एक ही बात की चिंता लगी रहती है, घर का बजट और थोड़ी सी बचत.

हां, पति भी इन बातों का ध्यान रखते हैं लेकिन आप भी इस कोशिश में उन का हाथ बंटाएं. हम जो सोचते हैं उस में असल में कामयाब नहीं हो पाते. इस की वजह बड़ी न हो कर छोटीछोटी बातों में छिपी है. कभी जानकारी की कमी तो कभी फैसले लेने की क्षमता का अभाव हमारी योजनाओं पर ब्रेक लगा देते हैं.

आज के युवा जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए गाड़ी, बंगला और शोहरत सबकुछ फास्ट ट्रैक पर डाल देते हैं. ईएमआई से उन्हें परहेज नहीं, यही कारण है कि वे कर्ज की राशि की तरफ ध्यान नहीं देते, बल्कि ईएमआई कितनी आ रही है उस ओर देखते हैं. इस का मतलब यह भी नहीं कि केवल बचत ही की जाए, बल्कि समय के अनुसार और परिस्थितियों को भांपते हुए बचत की ओर ध्यान देना चाहिए. आगे की सोच आप को परिस्थितियों से लड़ने के लिए पहले से तैयार करनी है. परिस्थितियों की नब्ज पर आप का हाथ हो तो यह निश्चित है कि आप किसी भी तरह के खतरे को पहले से भांप सकते हैं और उस के अनुसार निर्णय ले सकते हैं.

चलन विदेशों का

विदेशों में चलन है कि वहां पर सप्ताहभर नौकरी करने के बाद शुक्रवार की शाम पैसे मिल जाते हैं और ये पैसे शनिवार और रविवार को मौजमस्ती में उड़ाए जाते हैं. सोमवार से युवा फिर से मेहनत कर पैसे कमाने के लिए नौकरी पर जाते हैं, इस विदेशी संस्कृति की छाया हम पर भी पड़ती जा रही है. हम भी उन्हीं की देखादेखी पैसे उड़ाने में मशरूफ हो जाते हैं जबकि बचत के नाम पर कुछ नहीं सोचते. चाहे कम तनख्वाह हो, ज्यादा बचत सभी को अच्छी लगती है और सभी अपने अपने अनुसार बचत करना चाहते हैं व करते भी हैं. इस के लिए जरूरी है कि बचत की शुरुआत आज से ही की जाए. हर महीने अपने खर्च की समीक्षा करनी चाहिए. साथ ही गैर जरूरी खर्च को नजरअंदाज करना चाहिए.

खर्चों में कटौती और इस के लेखाजोखा के लिए एक मासिक बजट तैयार करें, फिर उस बजट के दायरे में रह कर खर्च करें. इस से यह जानने में आसानी हो जाएगी कि पैसा कहां और कितना खर्च हो रहा है और इस पर कैसे नियंत्रण रखा जा सकता है. ज्यादातर विकसित देशों ने ऐसी योजनाएं शुरू की हैं, जिन के तहत नागरिकों को बचत के लिए बढ़ावा दिया जाता है. इस मकसद से खास वित्तीय संस्थाएं भी संचालित हैं. दुनिया की तीसरी बड़ी इकोनौमी जापान की हैसियत के पीछे उस के नागरिकों की बचत की आदत ही है.

कम बजट, ज्यादा बचत

बजट कम होते हुए भी बचत का स्तर बढ़ाया जा सकता है. ऐसा नहीं है कि आमदनी ज्यादा होने पर ही आप बचत कर सकते हैं. हम ने कुछ परिवारों में जा कर उन की बचत का तरीका देखा.

(बौक्स में देखें साहिल के खर्चे)

साहिल व कीर्ति के मुताबिक, हर महीने हाथ इतना तंग रहता है कि 1 रुपया तक नहीं बचता. कभीकभी तो उधार तक लेने की स्थिति आ जाती है. परिणामत: आगे बजट बिगड़ता ही चला जाता है.

साहिल व कीर्ति बजट में रह कर ऐसे काम करें :

खर्च

रुपए प्रतिमाह

राशन

7,000

शिक्षा

4,000

         आने जाने का भाड़ा

2,000

अन्य खर्चे

2,000

मनोरंजन व संचार

1,000

सागसब्जी, फल

2,000

पानी, बिजली बिल

1,000

कुल खर्च

19,000

बचत

1,000

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

यानी 20 हजार रुपए प्रतिमाह कमाई हो तो 1 हजार रुपए प्रतिमाह कम से कम बचाया जा सकता है. रही बात उधारी की तो आप की चादर जितनी हो उतने ही पैर फैलाएं. अगर आप मनोरंजन व शाही शौक आदि में चीजों पर गलत खर्च करेंगे तो बचत कभी नहीं हो सकेगी. ऐसे में कभीकभार चलता है मान कर खर्च करें तब तो सही अन्यथा बचत की मत सोचिए.

(बौक्स में देखें अभिषेक के खर्चे)

अभिषेक द्वारा कमाई के कुछ हिस्से को किसी आकस्मिक घटना, बीमारी या घर बनाने के लिए धीरेधीरे जोड़ना चाहिए. बुरे व अच्छे वक्त में यह बचत काम आ सकती है. अभिषेक पूरे महीने की कमाई को पूरा ही खर्च कर देता है. हालांकि यह सारे खर्च जरूरी हैं पर अगर इन में कुछ खर्चों को कुछ हद तक कम कर दिया जाए तो बचत आसानी से की जा सकती है. आइए, अभिषेक की कमाई को प्रतिशत में दर्शाएं कि वह कैसे अपने वेतन का कुछ हिस्सा बचा सकता है.

इस के 2 तरीके हैं :

अगर औफिस के चायपानी, कपड़े व मनोरंजन के खर्चे कुछ हद तक अभिषेक कम करे तब अभिषेक आराम से अपनी कमाई से 1 हजार रुपए प्रतिमाह तक बचत कर सकता है और सीमित आय में अधिक बचत के उद्देश्य को पूरा कर सकता है.

गुल्लक से निवेश का सफर

बचत का सब से पुराना तरीका गुल्लक है. कहानियों, फिल्मों या असल जीवन में भी हम ने गुल्लक से बचत की शुरुआत देखी और की है. आज बचत का तरीका पोस्ट औफिस, बैंक, शेयर मार्केट से होते हुए गोल्ड और प्रौपर्टी में निवेश तक जा पहुंचा है. बचत और निवेश में अंतर यह है कि जहां बचत से आप अपनी पूंजी को सुरक्षित रखते हैं वहीं निवेश का इस्तेमाल लोग अपनी जमापूंजी को बढ़ाने के लिए करते हैं. हालांकि रोजाना चढ़तेउतरते शेयर बाजार से जमापूंजी के कम होने का खतरा बना रहता है. लेकिन जमा रकम को बैंक या दूसरी सरकारी सेवाओं की मदद से न केवल सुरक्षित रखा जा सकता है बल्कि उसे बढ़ाया भी जा सकता है. क्रैडिट कार्ड का भुगतान जल्दी कर देना चाहिए, क्योंकि इस में भुगतान में देरी होने पर उच्च दर से ब्याज भी देना पड़ता है.

कम बजट में हैल्दी कुकिंग

सीजनल सब्जियों का प्रयोग करें, डंठल न फेंकें. ब्रोकली, गोभी, मशरूम के डंठलों को अच्छी तरह छील व काट कर उन के पकौड़े या फिर सब्जी बनाई जा सकती है. प्याज महंगी हो तो कसूरी मेथी का प्रयोग करें. टमाटर की जगह कैचप और क्रीम की जगह दूध का प्रयोग करें. जरूरी नहीं कि महंगी चीजों से ही हैल्दी कुकिंग की जाए. लैफ्टओवर खाने से नया खाना तैयार करें जैसे सब्जियों की बिरयानी, कटलेट, स्टफ्ड परांठा आदि. चावल बनाने के बाद उस का बचा पानी फेंकने के बजाय उस का प्रयोग अन्य डिशेज बनाने में करें.

क्यों जरूरी है बचत

मुश्किल वक्त कभी बता कर नहीं आता. क्या आप ने अपने मुश्किल दिनों के लिए पैसे बचाए हैं? अगर कोई स्वास्थ्य संबंधी आपातस्थिति आए तो आप कैसे मैनेज करेंगे? अपने बच्चों की ऊंची शिक्षा के लिए आप के पास रकम होगी या नहीं? किसी भी अस्पताल में मरीज की भरती कराने से पहले एकमुश्त बड़ी रकम की जरूरत होती है. इस के अलावा परिवार बढ़ने पर बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए भी रकम होनी जरूरी है. अगर कोई मुकदमा चल रहा हो तो वहां पर बचत के रुपयों से सहायता मिलेगी. अगर शुरुआत से ही कुछ बचत की गई होगी तो आकस्मिक खर्चे आने पर किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं होगी. आप सोच रहे होंगे कि बंधीबंधाई आमदनी में से आप अपने खर्चे पूरे कर लें, यही बहुत है.

ऐसे में बचत कैसे होगी. आप को हैरानी होगी कि दक्षता और अनुशासन में इस का जवाब छिपा है. सब से पहले देखें कि आप का खर्च कहां हो रहा है. हर महीने के खर्च के लिए एक डायरी रखें, कौफी ब्रेक से ले कर घर के सामान पर खर्च हुए 1-1 पैसे का हिसाब रखें. आप को हैरानी होगी कि इन्हीं मदों से आप को सब से ज्यादा पैसा बचाने की प्रेरणा मिलेगी. खर्चों के लिए लक्ष्य बना कर चलें. जो तय खर्चे हैं जैसे कि घर का किराया, विभिन्न बिल, कार लोन, होम लोन की किस्तें, क्रैडिट कार्ड के बिल आदि में तो काटछांट नहीं हो सकती, लेकिन घर के सामान और कपड़ों के लिए खर्च की सीमा रखें, साथ ही मनोरंजन और यात्राओं के लिए भी तयशुदा सीमा से ज्यादा खर्च न करें.

दरअसल, बजट बनाने का मतलब यह नहीं है कि आप किसी फंदे में फंस गए हैं. यह आप की आर्थिक स्वतंत्रता और सहूलियत के लिए होना चाहिए न कि कोई वित्तीय बंधन. अच्छा बजट आप को पैसे पर नियंत्रण के रूप में बड़ी ताकत देता है. इस के जरिए आप अपने खर्चों को अधिक तर्कसंगत बनाते हैं और चिंताओं को बढ़ाने के बजाय आनंद उठा सकते हैं. बजट आप को आर्थिक समस्याओं से लड़ने की ताकत देता है.

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