दुनिया भर में एक लंबे वक्त तक महिलाओं को पुरुषों से कम आंका गया है. चाहे भारत हो या अमरीका समाजिक तौर पर महिलाओं को ठगा गया है. एक ओर जहां भारत के कई हिस्सों में महिलाओं की बुरी स्थिति को ले कर खबरें आती रहती हैं, वहीं अमरीका जैसे विकसित देश में भी महिलाओं को 20वीं सदी के मध्य तक देश की राजनीति का भागिदार नहीं बनाया गया. उन्हें वोटिंग में भाग लेने का कानूनी प्रावधान नहीं था. पर मौजूदा वक्त में महिलाओं का वर्चस्व का विस्तार सभी क्षेत्रों में हुआ है.

हालिया रिपोर्ट की माने तो अमेरीका में हर 10 में से 4 बिजनेस को या तो महिलाएं संभाल रही हैं या फिर इनमें इनका रोल बेहद महत्वपूर्ण है. अमेरिकन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक 2007-18 के दशक में महिलाओं द्वारा शुरु किए गए बिजनेस की संख्या 58% बढ़ी, जबकि पुरुषों के बिजनेस में 12% ही बढ़ोतरी हुई. इसकी वजह है निवेशकों का महिलाओं पर मजबूत हो रहा भरोसा. महिलाएं तत्काल फैसले लेती हैं. इसके अलावा और भी ऐसे कई महत्वपूर्ण कारण हैं जिससे महिलाओं के उद्गम में लगातार बढ़ोतरी हुई है. ये कुछ कारण हैं:

  • चुनौतियों से नहीं घबराती हैं महिलाएं

एक बड़ी कंपनी के शीर्ष पद पर बैठी एक महिला उद्यमी का कहना है कि वो लौटाने में विश्वास रखती है। यानी उन्होंने किसी से मदद ली है तो वे उन्हें लौटाती हैं। निवेशकों के लिहाज से ये बात काफी मायने रखती है. महिलाएं रिजेक्शन से नहीं डरतीं। अक्सर लोग उन्हें कम आंकते हैं, खासतौर पर पुरुषों के दबदबे वाले माहौल में उनकी यह दक्षता बहुत काम आती है।

  • महिलाओं में पुरुषों के मुकाबले ज्यादा धैर्य होता है 

बिजनेस की शुरुआत में बहुत धैर्य की जरूरत होती है और महिलाएं इसमें कहीं ज्यादा बेहतर होती हैं. यह समय लेने वाली प्रक्रिया है, इस स्थिति में महिलाएं बेहतर साबित होती हैं. उनमें नया करने का उत्साह तो होता ही है, पर उन्हें जोखिम का अंदाजा भी रहता है।

  • स्पष्ट बातें करती हैं और बेहद सकारात्मक होती हैं

एक और बड़ी व्यवसाय से जुड़ी एक महिला का मानना है कि महिलाएं सीधी बात करती हैं। खुद को बढ़ा-चढ़ाकर नहीं बतातीं। बिजनेस में स्पष्ट बोलना बहुत जरूरी है। यह भरोसा महिलाएं ही दे पाती हैं। उनकी प्रबंधन क्षमता बेहतरीन होता है। मीटिंग में हर चीज को सकारात्मक तरीके से लेती हैं।

  • भारत में ज्यादातर महिलाओं ने अपना बिजनेस खुद के दम पर किया है खड़ा 

भारत में महिला उद्यमियो की संख्या काफी कम है. राष्ट्रीय सैंपल सर्वे के मुताबिक देश भर में केवल 14% बिजनेस ही महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे हैं. इस स्टडी के मुताबिक महिलाएं जो पूरा बिजनेस खुद चलाती हैं उनमें 80% बिजनेस सेल्फ फाइनेंस्ड है. अपनी बिजनेस के लिए वो खुद पैसे जुटाती हैं. 2017 में मास्टरकार्ड ने महिला उद्यमियों के लिए जरूरी कारकों पर की जाने वाली स्टडी के आधार पर 54 देशों की सूची में भारत को 49वां स्थान दिया.

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