कोरोना काल के पूर्व से बच्चों की मोबाइल से निकटता उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही थी, परन्तु कोरोना का आगमन मानो सोने पे सुहागा साबित हुआ. कोरोना के कारण बच्चों के स्कूल बंद हो गए और क्लासरूम टीचिंग का स्थान ऑनलाइन टीचिंग ने ले लिया. आजकल प्राइमरी से लेकर कॉलिज तक की सभी क्लासेज ऑनलाइन हो रहीं हैं. इससे हर बच्चे की मोबाइल तक पहुंच और अधिक आसान हो गयी है.
पहले जहां बच्चे के जिद करने पर अभिभावक बच्चों को सीमित समय के लिए मोबाइल देते थे वहीं अब पढ़ाई के लिए बच्चे को हर हाल में मोबाइल उपलब्ध कराना अभिभावकों की विवशता है. यद्यपि मोबाइल पर पढ़ाई से बच्चों की आंखों और सेहत पर अनेकों दुष्प्रभाव पड़ रहे हैं पर शिक्षा के लिए तो उन्हें मोबाइल का उपयोग करना ही होगा. आज के परिवेश में मोबाइल से बच्चों को दूर रखना तो सम्भव नहीं है परन्तु हां थोड़े से प्रयासों द्वारा इसके प्रयोग की समय सीमा को सीमित अवश्य किया जा सकता है. जो उनके शारीरिक और मानसिक विकास के लिए अत्यंत आवश्यक भी है. यहां पर प्रस्तुत हैं 6 ऐसे ही उपयोगी टिप्स जिनकी मदद से आप बच्चों के मोबाइल प्रयोग को सीमित कर सकते हैं-
1-बच्चों के लिए एग्जाम्पल सेट करें
अक्सर अभिभावक स्वयम हर समय मोबाइल की स्क्रीन में उलझे रहते हैं और बच्चों को दूर करना चाहते हैं. बच्चों में अनुकरण की प्रबृत्ति पाई जाती है वे जैसा अपने माता पिता को करते देखते हैं वैसा ही वे खुद भी करते हैं. इस समय कोरोना के कारण बाहर जाना तो सम्भव नहीं है इसलिए अभिभावकों की दोहरी जिम्मेदारी है कि वे अपने बच्चे के लिए ऐसे कार्य करें जिनका बच्चा अनुकरण कर सके.
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