राइटर- शोभना अग्रवाल
झिलमिलाते परदे चमकता फर्नीचर, आकर्षक कालीन सभी रेखा के वैभव की कहानी कह रहे थे. घर का सजा कोनाकोना उस की सूझबूझ का परिचायक था. इतने सारे लोगों को खाने का निमंत्रण दे कर भी वह कितनी कुशलता से सबकुछ संभाल रही थी. मन ही मन मैं रेखा की तारीफ करते नहीं थक रही थी.
खाना खाने के बाद मुझे बाथरूम जाने की आवश्यकता महसूस हुई. पूछने पर रेखा मुझे बाथरूम के दरवाजे तक छोड़ पुन: काम में व्यस्त हो गई.
बाथरूम की दशा: मगर यह क्या? बाथरूम अपनी उपेक्षा पर आंसू बहा रहा था. सीलन, पेशाब व गीले कपड़ों की गंध मुझे अंदर आने से रोक रही थी. एक ओर बिना धुले कपड़ों का ढेर, दूसरी ओर छोटे बच्चों के सूसू, पौटी की चढ्ढी व नैपकिन पड़े थे. बाथरूम की दशा देख कर मुझे ऐसा लगा मानो घर की सजावट उचित नहीं थोथी है. यह बाथरूम सिल्क पर लगे टाट के पैबंद सरीखा है
अहमियत न समझना: प्राय: घरों में कमरों की सजावट एवं सफाई पर ही ध्यान दिया जाता है. बाथरूम को, अभी बहुत काम है बाद में देखेंगे सोच उपेक्षित ही छोड़ दिया जाता है. मगर यह सोच उचित नहीं है. बाथरूम को भी घर का एक आवश्यक हिस्सा मान कर सफाई और सजावट की जानी चाहिए मेहमानों को खयाल में रख कर भी बाथरूम की उपेक्षा न करें. जो अतिथि आप के घर आता है उस तो बाथरूम की आवश्यकता हो ही सकती है. इस के गंदा होने पर घर की चमकदमक खोखली सी प्रतीत होगी.
रोशनी, पानी और हवा: बाथरूम कैसा भी हो अर्थात छोटा या बड़ा, उस में पर्याप्त हवा का प्रबंध होना आवश्यक है. यदि इस ओर ध्यान न दिया तो कभी परेशानी भी आ सकती है. दम घुटने जैसी या चक्कर आने की संभावना हो सकती है. छोटेछोटे या बड़े रोशनदान और खिड़की की व्यवस्था अवश्य देख लें. पानी व रोशनी भी उतनी ही आवश्यक है. इस का भी अवश्य ध्यान करें.
फ्यूज बल्ब बदल दिया जाए. पानी के नल में निरंतर पानी आए. पानी नल में उचित मात्रा में आना चाहिए. मेहमानों के आने के समय विशेष सावधानी बरतें. कभीकभी नल में कचरा आ जाता है और नल से कम पानी आने लगता है. उस की सफाई कर दें या करवा दें. पानी के निष्कासन का भी उचित प्रबंध होना जरूरी है. यदि संभव है तो निकास पंखा भी लगवाएं.
बाथरूम: अब तो घरों में बाथरूम कमरों से जुड़ा कर ही बनाएं जाते हैं. ऐसे में सफाई की अधिक आवश्यकता होती है. यह सेहत के लिए भी जरूरी है. चाहे स्वयं करें अथवा करवाएं, बाथरूम सदैव हर हाल में साफ ही रहना चाहिए. थोड़ी सी सुगंध की व्यवस्था भी हो तो सोने में सुहागा होगा. भीनीभीनी सुगंध मनभावक होगी.
आवश्यक चीजें: बाथरूम में आवश्यक चीजें भी यथास्थान होनी चाहिए. यह घर वालों की कुशलता की परिचायक होंगी. सभी कार्य केवल गृहिणी पर छोड़ देना उचित न होगा. भलीभांति देख लें कि वहां पर मग, बालटी, साबुन, तौलिया आदि रखा हो.
सजावट: यथा संभव बाथरूम में थोड़ी सी सजावट भी कर दें. जहां ठीक लगे वहां पायदान बिछा दें. 1 या 2 फूलदान भी सजा सकते हैं. जरूरत होने पर कागज या प्लास्टिक के फूल भी सजा सकते हैं. सजावट के लिए आप बोतल या छोटी शीशी में मनी प्लांट आदि भी लगा सकते हैं. जगह के अनुसार छोटीबड़ी तसवीर भी लगाई जा सकती है. यदि चाहं तो परदे भी लगा सकते हैं.
प्रतिदिन की सफाई: बाथरूम की रोज सफाई होनी जरूरी है. यदि आप स्वयं सफाई करते हैं तो समय के अनुसार तय कर लें. नहाने से पहले का समय भी ले सकते हैं. दीवार और फर्श साफ करने के लिए बाजार से कोई भी वस्तु खरीद सकते हैं. वैसे तो आजकल विभिन्न प्रकार के टाइल्स लगाते हैं जो थोड़ी ही सफाई से साफ रहती हैं. मैले या गीले कपड़े रोज ही धो लिए जाए तो अच्छा रहता है वरना उन्हें किसी ढक्कन वाली टोकरी में या बालटी में रख दें और जल्दी से जल्दी धो डालें.