रंग हमारे जीवन में ऊर्जा, सकारात्मकता और आशाओं से भरी खुशियां बिखेरता है. और बात जब भारतीय त्योहारों की हो तो रंगों के बिना न सिर्फ घर बेजान लगता है बल्कि उत्सव का आनंद भी फीका लगने लगता है. त्योहारों और उत्सवों के आनंद भरे माहौल को खुशनुमा बनाने के लिए नए जमाने के फैशन, परंपरा, रंग आदि का कुछ हट कर व भावनात्मक रूप से चुनाव करने से खुशियों में चार चांद लग जाते हैं.
तो आइए, जानिए कि इस त्योहार और उत्सवों के माहौल में घर सजाते हुए प्राचीनता के साथ आधुनिकता का लुक देने के लिए क्या किया जाए:
दीवारों की रंगाई
घर की दीवारों को अंदर और बाहर से रंगाना वैसे तो साधारण बात है किंतु बहुत ही परिणामकारक है. भारतीय त्योहार लाल और नारंगी रंगों से भरे होते हैं, इसलिए इन रंगों को समर्पित रंग आप के घर को एक नया लुक दे सकते हैं. घरों को नए रूप से रंगाने से न सिर्फ घर का लुक बदल जाता है, उस की उम्र भी बढ़ जाती है.
फर्नीचर की सजावट
घर का रूप बदलना हो तो सोफा, साइड टेबल, शोकेस और सजाने वाली अन्य कलात्मक चीजों के थोड़े से बदलाव के बाद ही घर नया सा लगने लगता है और उस में जान आ जाती है.
कमरे के दीवारों को रंगों की विविधता से रंगाएं और कम से कम फर्नीचर रखने का प्रयास करें. हलके चौकलेटी, हलके क्रीम या गहरे पीले रंग वाले फर्नीचर अगर हों, तो गुलाबी या नारंगी रंगों की दीवारों के साथ जंचते हैं.
बाग और पेड़
आंगन में उगी घासों को अच्छे से काटने, गमलों को समयसमय पर रंगने, पौधों की छंटाई और सजावट के पत्थरों की रचना बदलते रहने से आप के घर के बगीचे का रूप खिल उठेगा. घर में जो दिखावटी पेड़ लगाए जाते हैं, वे सफेद गमलों में यदि लगाए जाएं तो नारंगी रंगों के दीवारों पर बहुत ही खुल के दिखेंगे. आप के दीवारों के रंग अगर अलग हों तब सिरैमिक के अलगअलग डिजाइन और आकारों का इस्तेमाल करते हुए उन के पास शिल्प रख दिए जाएं तो उन की खूबसूरती में चार चांद लग जाएंगे.