अन्वेषा की जून में शादी हुई थी, पहली बार वह अकेली दिल्ली में अपने पति के साथ रह रही थी. दोनों ही एक मल्टीनेशनल कम्पनी में काम करते हैं. अन्वेषा को यह तो पता था कि बारिश से पहले उसकी मम्मी किचन को बारिश के लिए तैयार करती थी पर उसे यह नहीं पता था कि मम्मी क्याक्या करती थी.
नमिता भोपाल में अकेले रहकर जौब करती है पिछली बार जब मानसून सीजन के बाद उसकी किचन के अधिकांश डिब्बों में पड़ी खाद्य वस्तुएं खराब हो गयी थी इसलिए इस बार वह पहले से ही सतर्क थी कि आने से पहले ही वह अपनी किचिन को बारिश के लिए तैयार कर लेगी.
बारिश का मौसम प्रारम्भ हो चुका है ऐसे में एक तरफ जहां भीषण गर्मी से राहत मिलती है वहीं दूसरी तरफ घर में अनेकों समस्यायों का सामना भी करना पड़ता है. बारिश की नमी के कारण दाल चावल जैसे अनाज खराब होने लगते हैं वहीं घर में गन्दगी, मक्खी मच्छर का प्रकोप छाने लगता है. इसी प्रकार की अनेकों समस्यायों से हरेक को दो चार होना पड़ता है परन्तु यदि कुछ बातों का ध्यान रखा जाये तो काफी हद तक बारिश में उत्पन्न होने वाली इन समस्यायों से निजात पायी जा सकती है-
1- दाल और चावल के डिब्बों में तेजपत्ता और लौंग डाल देने से इनमें कीड़ा नहीं लगता है. इसके अतिरिक्त पारे की गोलियां जो किसी भी आयुर्वेदिक स्टोर पर पारद टिकड़ी के नाम से आसानी से मिल जाती है. इसकी एक गोली को सूती कपड़े में बांधकर दाल चावल चावल के डिब्बे में डाल दें, साल भर तक ये खराब नहीं होगीं.
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