सब्जियां हमारे भोजन को स्वादिष्ठ, पौष्टिक और संतुलित बनाने में सहायक हैं. इन के माध्यम से शरीर को कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, खनिज लवण, आवश्यक अमीनोएसिड व विटामिन मिलते हैं. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के अनुसार, प्रत्येक व्यक्ति को अपने भोजन में लगभग 100 ग्राम पत्तेदार सब्जियां, 100 ग्राम जड़ वाली सब्जियां और 100 ग्राम दूसरी सब्जियां खानी चाहिए.

बाजार में उपलब्ध सब्जियां व फल आमतौर पर ताजे नहीं होते तथा महंगे भी होते हैं. साथ ही उन में मौजूद रोगाणुओं व हानिकारक रसायनों की मात्रा के कारण वे स्वास्थ्यकर भी नहीं होते. इसलिए बेहतर है कि खाने के लिए सब्जियों को अपने घर या घर के आसपास गृहवाटिका यानी किचन गार्डन में उगाएं जिस से खाद्य सुरक्षा के साथसाथ वाटिका में कार्य करने से घर के सदस्यों का व्यायाम भी हो जाए.

गृहवाटिका से कुछ हद तक सभी लोग जुड़ सकते हैं चाहे वे गांव में रहते हों या शहर में. बड़े शहरों में जहां पौधे उगाने के लिए जमीन की उपलब्धता नहीं है वहां भी कुछ चुनिंदा सब्जियों को गमलों व डब्बों में सफलतापूर्वक उगाया जा सकता है. गांव में जहां जगह की कमी नहीं है, वहां सब्जियों के अलावा फल वाले पौधे जैसे पपीता, केला, नीबू, अंगूर, अमरूद, स्ट्राबैरी, रसभरी आदि भी आसानी से उगाए जा सकते हैं.

गृहवाटिका बनाते समय ध्यान रखें :

1. गृहवाटिका के लिए खुली धूप व हवादार छायारहित स्थान या घर के पीछे दक्षिण दिशा सर्वोत्तम होती है.

2. सिंचाई का प्रबंध अच्छा व स्रोत पास में होना चाहिए.

3. अच्छे जल निकास वाली दोमट भूमि इस के लिए उपयुक्त होती है. सड़ी हुई गोबर की खाद की सहायता से खराब भूमि को भी सुधार कर गृहवाटिका के योग्य बनाया जा सकता है.

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