गार्डनिंग किसी भी तरह की हो, करने वाले की कलात्मक रुचि व प्रकृति प्रेम का आईना होती है. पेड़पौधे हमें जीवनवायु यानी औक्सीजन देते हैं. वैज्ञानिक तथ्यों से यह भी साबित हो चुका है कि हमारे चारों ओर पेड़पौधों की उपस्थिति हमें विभिन्न प्रकार के प्रदूषणों से मुक्त रखने के साथसाथ तापमान को कम करती है और हरियाली हमारे मानसिक तनाव को कम करती है. अपने हाथों से गार्डनिंग करना न केवल आप को मानसिक संतुष्टि प्रदान करेगा बल्कि विभिन्न प्रकार के रोगों से भी मुक्त रखेगा.
घर का आंगन छोटा हो या बड़ा, आप अपनी रुचि के अनुसार विभिन्न प्रकार की गार्डनिंग जैसे टैरेस गार्डन, रौक गार्डन, वाटर गार्डन या संकन गार्डन इत्यादि बना सकते हैं. परंतु यदि आप के घर में आंगन नहीं है और आप बहुमंजिली इमारत में रहते हैं तो भी बिलकुल निराश न हों. आधुनिकता की दौड़ में आज ऐसे बहुत से विकल्पों का सृजन हो गया है जिन से आप घर के अंदर, टेबल पर बौटल गार्डन, खिड़कियों में विंडो गार्डन, दीवारों पर वर्टिकल गार्डन या छतों पर रूफ गार्डन बना कर प्रकृति का भरपूर आनंद उठा सकते हैं.
विंडो गार्डन
इस में विंडो के बाहर गार्डनिंग की जाती है. इसे 2 तरह से किया जा सकता है, पहली खिड़की के बाहर लकड़ी, मैटल या सीमेंट का बौक्स बना कर, सीधे ही मिट्टी का उपजाऊ मिश्रण डाल कर पौधे लगाएं. दूसरा, इस बौक्स को प्लांटर की तरह उपयोग करें, जिस में विभिन्न प्रकार के पौधे पहले गमलों में लगाएं और फिर इन गमलों को विंडो बौक्स में करीने से सजाएं. दूसरा तरीका अधिक कामयाब है क्योंकि गमलों को फेरबदल कर विंडो गार्डन को हर मौसम में नवीन बनाया जा सकता है.
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