मधुमक्खी का शहद जितना मीठा होता है उसका दंश उतना ही घातक. मधुमक्खी अगर डंक मार दे तो उस जगह पर सूजन तो आ ही जाती है साथ ही तेज दर्द भी शुरू हो जाता है. कई बार तो दर्द और जहर के प्रभाव से बुखार भी हो जाता है.
पर आपको बता दें कि मधुमक्खी या दूसरे कीट नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं बल्कि आत्मरक्षा में डंक मारते हैं या काटते हैं. मधुमक्खियों के डंक में जहर होता है जिससे शरीर में संक्रमण हो जाता है.
हालांकि हर किसी में इसके अलग-अलग लक्षण नजर आते हैं. कुछ लोगों को तेज दर्द होता है तो कुछ में केवल प्रभावित जगह पर सूजन आ जाती है. कुछ में वो जगह लाल पड़ जाती है. मधुमक्खी के डंक का असर या तो कुछ घंटे या एक से दो दिन तक रहता है.
आप चाहें तो मधुमक्खी के डंक का इलाज घर पर ही कर सकती हैं. अगर स्थिति बहुत खराब न हो तो इन उपायों को अपनाने से राहत मिलेगी.
सबसे पहले डंक को निकाल दें
मधुमक्खी के डंक को जितनी जल्दी हो सके निकाल लें. डंक जितनी जल्दी निकल जाएगा जहर का असर उतना ही कम होगा. वरना शरीर में जहर फैलने का खतरा बढ़ जाएगा. डंक निकालने के बाद उस जगह को किसी एंटीसेप्टिक साबुन से साफ कर लीजिए. उसके बाद प्रभावित जगह को पोंछकर कोई एंटीसेप्टिक क्रीम लगा लें.
शहद का इस्तेमाल
मधुमक्खी काट लेने पर शहद का इस्तेमाल करना भी बहुत फायदेमंद होता है. ये जहर को फैलने नहीं देता है और इसका एंटी-बैक्टीरियल गुण संक्रमण बढ़ने नहीं देता है.
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