सीलिंग की डिजाइन और रंगों को ले कर हर कोई दुविधा में रहता है कि यह कैसी बनवाई जाए. अगर बहुत से विकल्पों वाली सीलिंग डिजाइनें आप को दुविधा में डाल देती हैं, तो इस की वजह जानकारी की कमी और सब से अच्छी सीलिंग पाने की इच्छा होती है.

सीलिंग की डिजाइनों का वर्गीकरण कोई नहीं कर सकता. वजह रोज नई डिजाइनें बाजार में आती हैं, जो पहले वाली से कहीं बेहतर नजर आती हैं. लेकिन सीलिंग निहायत ही व्यक्तिगत पसंद का मामला है, जो एक हद तक आप की रुचि भी प्रदर्शित करता है.

पहले राजमहलों और फिर फिल्म उद्योग जगत की शान मानी जाने वाली फौल्स सीलिंग आज हर किसी की पहुंच में है, जिस में नया तड़का अब लाइट का लग गया है. कहने का मतलब यह नहीं कि पीओपी (प्लास्टर औफ पैरिस) का जमाना अब लद गया है, बल्कि बदलाव यह आया है कि रंगबिरंगी लाइटें सीलिंग का जरूरी हिस्सा बन गई हैं, जिन से ख्ूबसूरती में चारचांद लग जाते हैं.

जब भी सीलिंग कराएं तब केवल अपने दिल की सुनें. उस डिजाइन को छत पर साकार करवाएं जो मुद्दत से आप के जेहन में हो. आइए जानें सीलिंग के बारे में:

ट्रैडिशनल डिजाइन

यह ठीक है कि एकदम सादगी वाली सीलिंग कोई नहीं चाहता, इसलिए अब हलकी डिजाइनों को लोग प्राथमिकता दे रहे हैं. भोपाल के नामी शोरूम झूमरवाला के नवीन साहू का कहना है कि हलकी पीली और औफ व्हाइट सीलिंग का दौर दोबारा लौट रहा है. हां, इन में लाइट जरूर लोग नईनई डिजाइन वाली लगवा रहे हैं. अब इलैक्ट्रिक आइटम की वैराइटी और रेंज काफी बढ़ गई है.

अगर ड्राइंगरूम की सीलिंग प्लेन या हलके रंग की है तो उस में तरहतरह की लाइटें लगवाई जा सकती हैं. आमतौर पर सैंटर में एक बड़ा लैंप या झूमर ठीक रहता है और चारों कोनों पर एलईडी बल्ब कमरे को बेहतर लुक देते हैं. कमरे के आकार के अनुपात में बल्बों की संख्या बढ़ाई जा सकती है.

नैचुरल डिजाइन

जब फौल्स सीलिंग चलन में नहीं आई थी तब कमरों और दीवारों को नैचुरल सीनरीज वाले पोस्टरों से ही सजाया जाता था. मसलन झरने का दृश्य, नीला आसमान, छोटेछोटे खिले हुए फूल आदि.

सीलिंग पर नैचुरल लुक कई और तरीकों से भी दिया जा सकता है. यह आप की पसंद पर निर्भर करता है कि वह कैसा हो. निश्चित रूप से आप चाहें तो वह एक गांव का भी दृश्य हो सकता है और पगडंडी भी हो सकती है, जिस के किनारों पर छोटेछोटे बल्ब रोशनी बिखेरते नजर आएं तो लोग देखेंगे भी और इस के बारे में

पूछेंगे भी.

जिओमैट्रिकल डिजाइनिंग

जिओमैट्रिकल डिजाइनिंग हमेशा पहली पसंद रही है. भोपाल के सीनियर आर्किटैक्ट सुयश कुलश्रेष्ठ की मानें तो ये डिजाइनें सहूलत वाली और आकर्षक होती हैं और लगभग

50% घरों में देखने को मिल जाती हैं.

इन डिजाइनो में बढ़ते हुए क्रम यानी आकार में त्रिभुज, चतुर्भज और समानांतर रेखाएं हो सकती हैं और सर्कल भी जिन के बीच एक निश्चित दूरी रखी जाती है. इन आकृतियों को आप मनचाहे तरीके से लाइट दे सकती हैं. इन डिजाइनों में रंगों का उपयोग भी अपनी पसंद मुताबिक किया जा सकता है. अगर सफेद आकृतियों को जामुनी रंग से रंगा जाए तो ड्राइंगरूम जगमगा उठता है. सुयश के अनुसार बहुत ज्यादा डार्क या तीखे रंगों का इस्तेमाल कुछ दिनों बाद खटकने लगता है, इसलिए जिओमैट्रिकल डिजाइन में हलके गहरे रंगों का प्रयोग ज्यादा अच्छा रहता है.

क्लासिकल डिजाइन

सीलिंग में शहनाई, ढोलक, तबला और हारमोनियम जैसे वाद्ययंत्र बने हों तो वे ड्राइंगरूम को एक अलग कलात्मकता देते हैं. हालांकि क्लासिकल डिजाइनें थोड़ी कम बनवाई जाती हैं, लेकिन इसी वजह से वे मेहमानों का ध्यान भी खींचती हैं. इन डिजाइनों के साथ ज्यादा लाइट इस्तेमाल करना ठीक नहीं लगता है.

अगर क्लासिकल डिजाइनों में कला चित्रों का इस्तेमाल किया जाए तो बात कुछ और होती है. कई पारंपरिक व आंचलिक डिजाइनें इस के लिए उपयुक्त होती हैं. इन की बहुत रेंज होती है.

स्टाइलिश डिजाइन

सीलिंग में स्टाइलिश डिजाइनों का कोई ओरछोर नहीं है. इन में लाइट और कलर्स का भरपूर इस्तेमाल होता है. आमतौर पर बड़े आकार के ड्राइंगरूम और बैडरूम के लिए ये उपयुक्त होती हैं.

अपने ड्राइंगरूम के लिए सैंटर में एक बड़ा और चारों कोनों में उस से छोटे झूमर लगवाएं तो कमरा ठीक वैसा ही लगेगा जैसा बड़े होटलों या कौरपोरेट दफ्तरों का लगता है. स्टाइल अपनी पसंद के अनुसार बनवाया भी जा सकता है और रैडीमेड भी लिया जा सकता है. आजकल कई कंपनियां औनलाइन सीलिंग बेच रही हैं. उन में ज्यादातर डिजाइनें स्टाइलिश होती हैं.

रोमांटिक डिजाइन

यंग कपल्स की पहली पसंद रोमांटिक डिजाइनें होती हैं खासतौर से बैडरूम में जहां सीलिंग पर गुलाबी रंग हो और गुलाब के ही छोटेबड़े फूल भी जड़े नजर आएं तो कमरे में पहुंचते ही मूड बदल जाता है.

आजकल अभिसार दर्शाती डिजाइनें भी मिलने लगी हैं जो प्रतीकात्मक रूप से भी होती हैं. इन्हें अपनाने या आजमाने में हरज नहीं बशर्ते घर में प्राइवेसी हो या फिर आप दोनों अकेले रहते हों. अगर बहुत ज्यादा लोग बैडरूम में आतेजाते हों तो फिर अधर से अधर छूने वाली डिजाइन दिक्कत दे सकती है.

रोमांटिक डिजाइन कोई भी हो, लेकिन उस में लगाई गई लाइट और कलर अकसर गुलाबी ही होता है. गुलाबी रंग रोमांस का पर्याय माना जाता है, इसलिए न्यू कपल्स इसे प्राथमिकता देते हैं. हलका हरा रंग भी कपल्स ज्यादा पसंद करते हैं.

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