गरमी की छुट्टियों को अकसर किशोर घूमनेफिरने या फिर घर में ही टीवी देख कर, मोबाइल, इंटरनैट पर गेम खेल कर या सोने और खेलने में बिताते हैं जबकि छुट्टियां मौजमस्ती का नहीं बल्कि खुद में निखार लाने का समय है अत: छुट्टियों का लुत्फ उठाएं, मौजमस्ती करें, लेकिन अपने संपूर्ण निखार को नजरअंदाज न करें वरना छुट्टियां बीतने पर पछतावा महसूस होगा.
पर्सनैलिटी निखारें :
छुट्टियों में किशोर अपनी पर्सनैलिटी निखार सकते हैं. किसी से हुई पहली मुलाकात आप के व्यक्तित्व को दर्शाती है. अत: छुट्टियों में कोशिश कर पर्सनैलिटी निखारें.
नैगेटिव थिंकिंग छोड़ें पौजिटिव थिंकिंग रखें. अपने बात करने के तरीके, पहनने व खानेपीने की आदत में सुधार लाएं. इस से आप की पर्सनैलिटी में निखार आएगा. अगर खुद इन बातों पर अमल न कर सकें तो घर के आसपास पर्सनैलिटी डैवलपमैंट की क्लासेज भी जौइन कर सकते हैं.
हौबी निखारें :
छुट्टियों के दौरान न तो पढ़ाई का बोझ होता है और न मम्मीपापा रोकटोक करते हैं. अत: इस समय आप अपनी हौबी को निखारें.
अगर आप को पेंटिंग का शौक है तो पेंटिंग बनाएं. म्यूजिक का शौक है तो म्यूजिक सीखें, बागबानी, कुकिंग, स्विमिंग, क्राफ्ट, डैकोरेशन आदि के शौक पूरे करने के लिए छुट्टियों का समय बहुत अनुकूल और कारगर है.
अंगरेजी सुधारें :
हिंदी माध्यम के छात्रों के साथ अकसर अंगरेजी की समस्या आती है, क्योंकि किसी भी प्रतियोगी परीक्षा, इंटरव्यू, जौब में अंगरेजी का ज्ञान एक अनिवार्य आवश्यकता है. अत: हिंदी माध्यम के छात्र फ्लुएंट अंगरेजी न बोल पाने के कारण पिछड़ जाते हैं, अत: छुट्टियों का समय आप अपनी अंगरेजी सुधारने में लगा सकते हैं.
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