मुंबई की एकता सोसाइटी के फ्लैट नंबर-15बी में इशिता मेहरा और मंयक मेहरा 2 महीने पहले शिफ्ट हुए हैं. आज जब इशिता की सहेली नमिता मुखर्जी उस के घर आई तो वह घर का हाल देख कर हक्कीबक्की रह गई. वह सम?ा नहीं पा रही थी कि घर की हालत इतनी खराब कैसे है, जबकि इन के घर में तो अभी कोई छोटा बच्चा भी नहीं है. फिर भी घर का सारा सामान इधरउधर फैला है. जब नमिता किचन में गई तो वहां की हालत देख उस से रहा नहीं गया.

इशिता, तुम ने घर की यह क्या हालत बना रखी है? कोई भी सामान सही जगह नहीं रखा है. ऐसे बिखरे घर में तुम कैसे रह सकती हो?इशिता ने उत्तर दिया, ‘‘यार, मैं वर्किंग वूमन हूं. मैं काम करतेकरते थक जाती हूं. मुझे अपने लिए तो वक्त मिलता नहीं है घर की साफसफाई के लिए कैसे वक्त निकालूं. मंयक भी आते ही टीवी देखने लगते हैं. घर के कामों में बिलकुल हैल्प नहीं करते हैं.’’ नमिता ने उसे समझते हुए कहा, ‘‘ऐसे घर फैला हुआ अच्छा नहीं लगता है. अगर घर में कोई आएगा तो यही कहेगा कि तुम बहुत आलसी हो. रही बात वक्त न होने की तो वक्त होता नहीं है, निकालना पड़ता है.

अगर तुम कोशिश करो तो घर और औफिस दोनों मैनेज कर सकती हो. इस बारे में मंयक से भी बात करो. उसे सम?ाओ कि तुम भी वर्किंग हो. ऐसे में तुम्हें घर और औफिस दोनों एकसाथ संभालने में प्रौब्लम हो रही है. अत: वह भी घर के कामों में तुम्हारा हाथ बंटाए.  ‘‘इस के अलावा तुम दोनों चाहो तो कोई मेड लगवा सकते हो. इस के बाद भी तुम्हें और मयंक को कुछ बातों का ध्यान रखना होगा जैसे घर आते ही शूज और चाबियां सही जगह रखना.‘‘इशिता तुम तो जानती हो कि घर को मैनेज करना आसान नहीं है. एक वर्किंग वूमन जब औफिस से थक कर घर आती है तो वह भी चाहती है कि वह अपने पार्टनर के साथ कुछ रोमांटिक क्षण जीए. लेकिन फैले घर में ये सब पौसिबल नहीं है.

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