वक्त के साथ एक औरत, गृहिणी से हाउसवाइफ और फिर होममेकर बन गई है. महिलाओं ने घर से कदम बाहर रखने शुरू किए तो घरगृहस्थी के काम को भी महत्त्व मिलने लगा. पश्चिमी देशों में तो हाउसकीपर एक बेहतरीन कैरियर विकल्प के रूप में उभर कर सामने आया है. वक्त बदला, महिला का स्वरूप बदला, जीवनशैली बदली तो जाहिर है उस की रोजमर्रा की जरूरतें भी बदल गईं.

वर्चुअल वर्ल्ड यानी कृत्रिम समाज से मित्रता बढ़ने की वजह से आजकल लोगों के बीच दूरियां बढ़ गई हैं और लोगों के बीच भरोसे की डोर कमजोर होे गई है. प्रत्येक परिवार एकल परिवार में तबदील होता जा रहा है और घरगृहस्थी की जिम्मेदारी का दायरा बढ़ता ही जा रहा है.

घर की देखभाल करने वाली महिला को किसी न किसी सहायक की जरूरत पड़ती ही है पर इस के लिए पहले की तरह परिवार के सदस्य मौजूद नहीं होते. आए दिन सुनने में आने वाली नौकरनौकरानियों द्वारा अंजाम दी गई तमाम दुर्घटनाओं को देखते हुए किसी आया पर भरोसा करना भी अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है.

सवाल सिर्फ सहायता का नहीं, सुरक्षा का भी है. हाईटेक होती महिलाओं का संसार हजारों हाइटेक चीजों से भरा है. उन्हें चाहिए एक खास विकल्प, जो बिना परेशानी के उन की मदद कर सके.

हर फन में माहिर

हम रोबोट के बारे में वर्षों से सुनते आ रहे हैं पर 21वीं सदी में यह केवल वैज्ञानिक उपयोग की वस्तु नहीं रह गया है. रोबोट के कई प्रकार आजकल लोगों के बीच रह कर उन्हें फायदा पहुंचा रहे हैं. इस से नुकसान की आशंका कम होने की वजह से इन की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है.

रोबोटिक मेड यानी कंप्यूटर संचालित आया का निर्माण विश्व के कई कोनों में हो चुका है. यह यंत्रों का एक जखीरा है, जो बिना किसी चिकचिक के आप के घर का सारा काम मिनटों में निबटा देगा. घर की महिलाओं को बाइयों के नखरों से मुक्ति मिल जाएगी. एक आदेश पर बरतन साफ, दूसरे पर कमरा व्यवस्थित और न जाने क्याक्या. जरूरत है तो बस, बैटरी रीचार्ज करने की, ठीक वैसे ही जैसे मोबाइल की बैटरी चार्ज करते हैं. रोबोटिक मेड भी रिचार्ज होने पर फिर से फुरती से सारे काम कर देगी.

रूम्बा नामक रोबोट मेड घर को वैक्यूम क्लीन करती है, रोबोट स्कूबा भी किचन फ्लोर को पानी की सहायता से साफ कर के सुखा देती है. फर्बी नामक रोबोट घर वालों का मनोरंजन करती है, ‘पैरो’ और ‘हार्बर’ नामक रोबोट वृद्घ लोगों को संगत दे कर उन्हें सहूलियत पहुंचाते हैं.

‘आरआईडीसी-01 रोबोट मेड’ में वैक्यूम क्लीनर भी है, जो घर के कोनेकोने की सफाई अपने विशेष उपकरणों से कर देती है. जहां तक इस का भारीभरकम ढांचा नहीं पहुंच पाता, वहां की सफाई के लिए इस की बांहों में सफाई करने वाले दस्ताने रहते हैं. यह जापानी भाषा समझ सकती है. इस में डीवीडी प्लेयर व दुनिया भर की खबरों के लिए वायरलेस नेटवर्क भी होते हैं.

‘बट आर बाट घरेलू रोबोट’ किचन में खाना पकाने के साथसाथ कमरे भी साफ करेंगे और इन में लगे सेंसर, कैमरा और अन्य उपकरणों की मदद से घर के बाकी काम भी हो सकेंगे.

महिलाओं के लिए वरदान

टोयोटा द्वारा डिजाइन की गई घरेलू रोबोट मेड वाशिंग मशीन में कपड़े डाल सकती है, बरतन उठा कर रख सकती है और सफाई भी कर सकती है. इस के अलावा यह अपनी पिछली गलतियों से सीख भी ले सकती है, जिन्हें यह कभी नहीं दोहराएगी. इस में रास्ते के अवरोध को पहचानने के लिए सेंसर लगे हैं और 5 कैमरे लगे हैं. काम करने के लिए 2 बाजू और इधरउधर जाने के लिए चक्के लगे हैं.

इन सुपर घरेलू रोबोट्स के अलावा रोबोट कंपनियों द्वारा बाजार में ऐसे घरेलू रोबोट्स को उतारने की तैयारी भी चल रही है, जो बगीचे में घास काटेंगे, नलनाले साफ कर देंगे, फलसब्जियां काटेंगे और उन्हें व्यवस्थित कर के फ्रिज में रख देंगे, वे कार से सामान निकाल कर घर में रखेंगे, जमीन पर बिखरे सामान को समेट कर उसे सही जगह पर रखेंगे, वक्त पर जगाएंगे और घर की निगरानी भी करेंगे.

यही नहीं, ऐसे रोबोट्स का निर्माण भी होने जा रहा है, जो न केवल काम कर सकें बल्कि थोड़ाबहुत आपसी तालमेल भी बना सकें. ये रोबोट एक मशीन की तरह नहीं होंगे कि इन्हें जिस अवस्था में खरीद कर लाया जाए, उसी तरह उन का इस्तेमाल भी करना पड़े बल्कि इन के प्रोग्राम बदले जा सकेंगे, सौफ्टवेयर के माध्यम से इन्हें नई चीजें सिखाई जा सकेंगी. घरेलू रोबोट का उपयोगी, भरोसेमंद, आसानी से इस्तेमाल किया जाने वाला और वहन करने लायक कीमत होना बेहद जरूरी है.

विश्व की रोबोट कंपनियां और वैज्ञानिक इन तथ्यों का घरेलू रोबोट में समावेश करने की होड़ में लगे हैं. आने वाले वक्त में हर घर में मेहमाननवाजी से ले कर बच्चों को संभालने तक का काम घरेलू रोबोट करेंगे और घर की महिलाएं सुकून से बाहर का काम निबटा सकेंगी.

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