घर चाहे छोटा हो या बड़ा, इसे करीने से संवारने की चाह सभी को होती है. घर को हरदम सजा कर रखने के लिए जरूरी है कि सामान के चयन, रखरखाव में कुछ खास बातों का ध्यान रखा जाए. इस के अलावा कुछ चीजों का सही कौंबिनेशन भी जरूरी है, जैसे कालीन और फर्नीचर का.
मैचिंग करें ऐसे
फर्नीचर को वाल पेंट और कालीन के साथ मैच करना रूम डिजाइन में महत्त्वपूर्ण है. पर यह कतई जरूरी नहीं कि वह सेम कलर का हो. इंटीरियर डिजाइनर हमेशा अपोजिट कलर का ही प्रयोग करते हैं ताकि रूम में एकजैसा महसूस न हो.
जब आप कंट्रास्ट कलर प्रयोग करें तो इस बात का ध्यान रखें कि वे एकदूसरे को कौंप्लिमैंट करें. कंट्रास्ट डिजाइन बोरिंग नहीं होती है और घर के इंटीरियर को अलग लुक देती है.
कालीन खरीदने से पहले
कालीन का रोयां कालीन का मुख्य आधार होता है. कालीन की मजबूती इसी बात पर निर्भर करती है कि उस में किस प्रकार के रोएं इस्तेमाल किए गए हैं. रोएं 2 तरह के होते हैं- बुने हुए रोएं और कलगीदार रोएं. बुने हुए रोएं कलगीदार रोयों की तुलना में अधिक मजबूत और टिकाऊ होते हैं. बुने हुए रोयों के रेशे एकदूसरे के साथ अधिक निकटता से बुने जाते हैं, जिस से कालीन को अधिक मजबूती मिलती है. इसलिए कालीन खरीदते समय कलगीदार कालीनों की तुलना में बुने हुए कालीनों को तरजीह दें.
जहां एक ओर कालीन के रोयों से उस की भीतरी परत का निर्धारण होता है, वहीं दूसरी ओर कालीन के रेशे से उस की बाहरी परत बनती है. कालीनों में जिन आम रेशों का इस्तेमाल किया जाता है उन में नाइलौन, पौलिस्टर, पौलीप्रोपलीन और ऊन शामिल है. नायलौन, पौलिस्टर और पौलीप्रोपलीन सब से मजबूत और टिकाऊ सामग्री होती हैं. इस सामग्री में रंगों और पैटर्नों की भी काफी वैराइटी उपलब्ध हैं. यह सामग्री अत्यधिक जलरोधी और दागरोधी भी होती है.
कालीन की गद्दी व रंग
प्रत्येक कालीन गद्दी के साथ मिलता है. कुछ कालीनों में पतली गद्दी होती है तो कुछ में मोटी. सही तरीके की गद्दियों के साथ कालीन अधिक सुविधापूर्ण और आरामदेह हो जाता है. मुलायम मोटी गद्दियां अधिक आरामदायक नहीं होती हैं. इन के बजाय ऐसी ठोस गद्दियां अधिक उपयुक्त और आरामदायक होती हैं, जो पतली होती हैं. साथ ही इस बात का भी ध्यान रहे कि पैडिंग सही सामग्री के साथ की जाए ताकि कालीन पूर्ण रूप में अच्छा दिखे.
कालीन के रंग के चुनाव पर भी बहुत अधिक ध्यान देने की जरूरत होती है. जब भी कालीन खरीदें तो ऐसे कलर का चुनाव करें, जो आप के घर के बाकी सजावटी सामान से मेल खाता हो. मटमैला कालीन हमेशा लोकप्रिय रहा है. यह कमरे को लंबाचौड़ा दिखाता है. नीला, गहरा हरा, रोजी क्वार्ट्ज और स्टोनी न्यूट्रल रंग के कालीन चलन में हैं.
रखरखाव के कुछ खास टिप्स
कालीन बहुत ही बारीक धागे से बना होता है, इसलिए निम्न तरीकों को अपना कर आप अपने कालीन को नुकसान से बचा सकती हैं:
– जब कालीन पर फर्नीचर रखा गया हो तो इस से रास्ता भी बन जाता है, जिस से कालीन पर टूटफूट हो जाती है. अत: कालीन पर से फर्नीचर को इधरउधर करती रहें.
– अपने कालीन को सूर्य की सीधी रोशनी से दूर रखें, क्योंकि कालीन के जिस भाग पर सूर्य की रोशनी पड़ती है वहां से उस का रंग हलका हो जाता है, जो देखने में अच्छा नहीं लगता है. अत: कालीन को महीने में कम से कम एक बार घुमाएं. यानी धूप वाले हिस्से को छाया की तरफ कर के बिछाएं और छाया वाले को धूप की तरफ. यदि कालीन सूर्य की रोशनी के ठीक सामने नहीं पड़ता है तो उसे 1 साल में कम से कम 4 बार घुमाएं.
– किसी मुड़ गए किनारे को सीधा करने के लिए कालीन को एक से दूसरे सिरे तक झटकें. किनारों को सीधा करने के लिए गलीचे को धीरेधीरे हिलाएं. किनारों में कंघी न करें, क्योंकि इस से नैचुरल फाइबर्स को नुकसान पहुंच सकता है.
– आशीष ढींगरा, फाउंडर औफ औब्सेशन
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