किचन के सिंक में गिरी वस्तु को उठा कर मुंह में डालने से पहले क्या एकबारगी झिझकते हैं? नहीं न. और यदि वही चीज टायलेट में गिरी होती तो? तब तो आप उसे हाथ भी न लगाते. पर क्या आप जानते हैं कि आप के घर में ही हानिकारक बैक्टीरिया और कीटाणु उन स्थानों पर सब से ज्यादा होते हैं, जिन्हें हम अकसर साफ समझते हैं? नहीं तो हम बताते हैं :
बाथटब
बाथटब में नहा कर आप शरीर की सफाई करती हैं, पर यह टब कितने प्रकार के कीटाणुओं से संक्रमित होता है, इस का शायद आप को अंदाजा भी नहीं होगा. इन टबों में मौजूद पानी में से 81% में फंगस, 34% में संक्रमित स्टैफ बैक्टीरिया और लगभग सभी प्रकार के मलों में मौजूद बैक्टीरिया पाए गए. इस का मुख्य कारण टब के पाइपों में रुका पानी है, जिस में बैक्टीरिया पनपते हैं. नहाने के बाद बाथटब को ब्लीच या बाथरूम क्लीनर से अवश्य साफ करें और साफ तौलिए से पोंछ कर सुखा दें. समयसमय पर पाइपों की भी सफाई करें.
टूथब्रश
अपना टूथब्रश आप दिन में 2 बार मुंह में डालती हैं, पर क्या कभी सोचा है कि इस से आप दांत तो साफ कर रहे हैं, मगर साथ ही मुंह में और गीले टूथब्रश में मौजूद ढेरों कीटाणुओं का आदानप्रदान भी कर रहे हैं, क्योंकि बैक्टीरिया गीले स्थान पर सब से पहले और सब से ज्यादा पनपते हैं और यदि आप मुंह में मौजूद बैक्टीरिया से बच गए तो टायलेट के कीटाणुओं से नहीं बच पाएंगे, क्योंकि टायलेट फ्लश करने पर हवा में अनगिनत बैक्टीरिया और विषैले तत्त्वों से भरे पानी के कण हवा में फैलते हैं. ये कीटाणु 2 घंटे तक हवा में मौजूद रहते हैं और वहां मौजूद सभी वस्तुओं, जिन में टूथब्रश भी शामिल है, को दूषित कर सकते हैं. अत: अपने टूथब्रश को टायलेट के ज्यादा पास न रखें और साथ ही ऐसी जगह रखें, जहां यह जल्दी सूख भी जाए. अपना ब्रश समयसमय पर बदलती रहें खासकर तब जब आप बीमारी से उठी हों. यह भी ध्यान रखें कि फ्लश करने से पहले टायलेट का ढक्क बंद कर दें.