घर आप के व्यक्तित्व का आईना होता है. अगर इसे सही ढंग से सजाया है, तो दिन भर की थकान के बाद आप को इस में सब से अधिक सुकून मिलता है. इसीलिए आजकल लोग अपना घर खरीदने के बाद उसे इंटीरियर डिजाइनर की मदद से ही सजाते हैं ताकि उन का घर उन्हें अपना लगे. कई लोग तो औफिस को सजाने में भी इंटीरियर डिजाइनर की मदद लेते हैं, क्योंकि वहां उन्हें अपना बहुत सारा समय बिताना होता है. इस बारे में 12 जैम्फील्ड्स रिटेल ज्वैलर इंडिया अवार्ड में जज बन कर आईं इंटीरियर डिजाइनर पर्ल कौंट्रैक्टर, जो पिछले 25 वर्षों से इस क्षेत्र में काम कर रही हैं बताती हैं कि घर चाहे छोटा हो या बड़ा हर व्यक्ति के लिए खास होता है. घर का इंटीरियर बड़ा ही पर्सनल होता है, जो व्यक्ति के हिसाब से करना पड़ता है. मैं क्वालिटी और स्टाइल में विश्वास रखती हूं. लग्जरी वही है जो व्यक्ति को स्पैशल महसूस कराए.
इंटीरियर जो दे खुशी
पर्ल कहती हैं, ‘‘जिस तरह गहने महिला को आकर्षक रूप देते हैं, उसी तरह इंटीरियर एक घर को आकर्षक रूप देता है. जैसे बिना सोचे समझे अधिक गहने पहन लेने पर सुंदर दिखने के बजाय अनाकर्षक दिखते हैं, वैसे ही बिना प्लानिंग के घर में कुछ भी रख देने से घर अजीब लगता है. इसलिए घर को व्यक्तित्व का आईना कहा गया है. मैं ने एक व्यवसायी के घर का इंटीरियर डिजाइन किया था. मैं ने उन के घर का ऐसे इंटीरियर किया कि उन्हें घर के हर हिस्से में खुशी मिले. इंटीरियर का मतलब ही यही है कि इस के द्वारा आप लोगों में ताजगी भरें. अगर आप ऐसी ‘स्पेस’ पैदा कर सकती हैं, जहां व्यक्ति रह कर खुशी और आराम महसूस करे तो समझो आप का काम सफल हो गया.’’