मिरर का इस्तेमाल केवल चेहरा देखने के लिए ही नहीं होता, बल्कि घर को सजाने के लिए भी होता है. इंटीरियर डैकोरेशन में इस के तेजी से बढ़ते चलन ने इसे एक स्ट्रौंग इंटीरियर डिजाइन टूल बना दिया है. अगर मिरर को सही तरीके से लगाया जाए तो इस से छोटी जगह भी बड़ी दिखाई देती है, बोरिंग जगह में जीवंतता आ जाती है और अंधेरी जगह उजाले से भर जाती है. यानी सजावट में मिरर का इस्तेमाल उस जगह के पूरे लुक को बदल देता है.

मिरर थीम पुराने समय से ही मिरर का इस्तेमाल घरों और महलों को सजाने में होता रहा है. एक बार फिर मिरर थीम का चलन तेजी से बढ़ रहा है. अब मिरर केवल ड्रैसिंगटेबल का हिस्सा नहीं रह गया है, बल्कि होम डैकोरेशन का भी अहम हिस्सा बन गया है. घरों और औफिसों की इंटीरियर डिजाइनिंग मेें इसे आर्ट पीस के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है.

मिरर का इस्तेमाल घर के अंदर ही नहीं वरन घर के बाहर गार्डन, बरामदे, गलियारे और टैरेस में भी हो रहा है. किस जगह को सजाना है उस के अनुसार अलगअलग साइज और फ्रेम का मिरर चुना जाता है. गे्र इंक स्टूडियो के आर्किटैक्ट, सरवेश चड्ढा ने मिरर इफैक्ट्स के बारे में जानकारी दी:

दीवार पर:

अगर आप मिरर को दीवार पर लगाएं तो न केवल आप का कमरा बड़ा दिखाई देगा, बल्कि उस का आकर्षण भी बढ़ जाएगा. कमरे के लिए हमेशा बड़े मिरर का इस्तेमाल करें, जिस की ऊंचाई दीवार के बराबर हो. मिरर को उस दीवार पर लगाएं जो दरवाजे के ठीक सामने हो ताकि बाहर का पूरा प्रतिबिंब अंदर दिखाई दे. सोफे के ऊपर: सोफे के ऊपर जो खाली जगह होती है, वहां फ्रेम किए मिरर समूह में लगाए जाते हैं. आप इन्हें दृसरी खाली दीवारों पर भी लगा सकती हैं. इन फ्रेमों की साइज और स्टाइल दीवार के साइज, फर्नीचर और परदों के रंग के अनुसार अलगअलग हो सकता है.

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