पुराने जमाने में लोग धातुओं के बर्तनों के अभाव में लकड़ी के बर्तनों का प्रयोग करते थे, लेकिन आज अपने गुणों के कारण लकड़ी के बर्तन काफी प्रचलन में हैं. ये नानस्टिक फ्रेंडली होते हैं, जिससे इनके द्वारा नानस्टिक बर्तन में बहुत आसानी से खाना चलाया जा सकता है, दूसरे ये गर्म नहीं होते जिससे इनमें खाना खाना काफी आसान होता है. अपेक्षा लकड़ी के आजकल लकड़ी चमचे, ग्लास से लेकर बाउल, प्लेट्स, ट्रे, मसालदान आदि सभी बहुत फैशन में हैं. लकड़ी के बर्तनों को सीधा गैस पर तो नहीं चढाया जाता परन्तु इनमें खाना परोसा अवश्य जाता है जिससे भोजन को एक पुरातन और स्वाभाविक लुक मिलता है. स्टील की भांति ये रफ टफ नहीं होते इसीलिए इन्हें खरीदने, प्रयोग करने के साथ साथ अतिरिक्त देखभाल की भी बहुत आवश्यकता होती है तो आइये जानते हैं इनके बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें-
ऐसे खरीदें
शीशम, बबूल और अखरोट की लकड़ी काफी मजबूत और कड़ी होती है इसलिए इनसे बने बर्तन भी काफी मजबूत होते हैं दूसरे इनमे अपना नेचुरल आयल होता है जिससे इनमें रूखापन नहीं होता और ये जीवाणु व फंगस रोधी होते हैं.
लकड़ी के बर्तन सदैव दिन में और प्रतिष्ठित दुकान से ही खरीदें क्योंकि कई बार लकड़ी के बीच में आये क्रेक्स को लकड़ी के रंग के मसाले से भर दिया जाता है जो रात में जरा भी नजर नहीं आता. इस क्रेक में भरा मसाला कुछ दिनों के प्रयोग के बाद निकल जाता है और दरार में फिर गंदगी भरनी प्रारम्भ हो जाती है जो सेहत के लिए नुकसानदायक होती है.
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