अगर खुद का व्यवसाय हो तो काम करने की इच्छा अपनेआप ही प्रबल हो जाती है. ऐसे में परिवार के साथ काम का तालमेल बैठाना भी आसान हो जाता है. घर से टिफिन औफिस भेजने का काम करना एक ऐसा काम है जो आसानी से करा जा सकता है. इस काम में साफसफाई और स्वादिष्ठ भोजन खिलाना ही असली चुनौती है.

हर दिन खाना सब को अच्छा लगे, वापस न आए, इस का हमेशा खयाल रखना पड़ता है. शादी के बाद जब बड़े शहरों में यह काम कर सकती हैं. 300 वर्ग फुट के छोटे से घर में एक किनारे रसोईघर बना कर 10 से 20 लोगों के टिफिन की व्यवस्था की जा सकती है.

खाने में रोटी, पराठा, पूरी और दाल, सब्जी, चावल, पूरा खाना शाकाहारी हो सकता है. धीरेधीरे जब ग्राहकों की संख्या बढ़ने लगे तो अपने आसपास की महिलाओं को भी जोड़ा जा सकता है जो खास डिश सप्लाई करें. भरपेट खाना और थोड़े पैसे दिए जाते हैं. 100 से अधिक लोगों के लिए खाना एक अकेले घर से बन सकता है. इस में जरूरत होती है 4-5 जनों की, जिन में लड़केलड़कियां दोनों हो सकते हैं. सुबह 7 बजे से रात 10 बजे तक चलाएं तो अच्छा है.

बेहतर बिजनैस

विनिता को ही लें. उस के ससुराल पक्ष की ओर से इजाजत नहीं थी, लेकिन पैसे की तंगी ने उन्हें राजी करवाया. वह कहती है कि ससुराल वाले नहीं चाहते थे कि मैं कोई व्यवसाय करूं पर मु?ो घर चलाना था, घर का किराया देना था जो पति के पैसों से पूरा नहीं हो पा रहा था. मेरे बच्चे भी बड़े हो रहे थे. उन्हें स्कूल भेजना होता था, इसलिए अंत में मैं ने इस व्यवसाय को चुना. मेरी पढ़ाई भी अधिक नहीं थी कि मैं बाहर जा कर कुछ दूसरा काम कर सकूं.

मु?ो खाना बनाना हमेशा से पसंद था और फिर जब लोगों को मेरे हाथ का बनाया खाना अच्छा लगने लगा है तो मु?ो, कुछ नया और अच्छा भोजन बनाने की प्रेरणा मिली. इस काम में अब मेरे पति अरविंद यादव और देवर भी हाथ बंटाते हैं. बाजार से कच्चा सामान लाना, औफिस में तैयार खाना पहुंचाने का काम वे ही करते हैं.

इस सर्विस से 50 हजार रुपए प्रति माह तक की कमाई हो सकती है. करीब 10-12 किलोमीटर के दायरे में खाना पहुंचाने का इंतजाम करना चाहिए.

काम के साथ नाम भी इस काम में ये बातें अवश्य ध्यान में रखनी चाहिए ताकि आप का व्यवसाय लगातार चलता रहे:

– लोगों की पसंदनापसंद का खयाल रखना.

– अच्छी क्वालिटी के तेल और मसालों का खाने में प्रयोग करना.

द्य सब से जरूरी होता है साफसफाई का ध्यान रखना, जिस में कच्ची सब्जियों से ले कर खाना बनाने वाली महिलाओं की साफसफाई का भी ध्यान रखना जरूरी होता है.

विनिता मानती है कि उस ने सही समय में व्यवसाय शुरू किया उस के 2 बच्चे लक्ष्य यादव (7 वर्ष) और विवेक यादव (3 वर्ष) के हैं. ये अब स्कूल जाने लगे हैं. आगे भी वह उन्हें अच्छी शिक्षा देना चाहती है. वह चाहती है कि उस का व्यवसाय इतना बढ़े कि वह कुछ महिलाओं को रोजगार मुहैया करवा सके. शुरू में कानूनों की परवाह न की जाए पर अगर काम बढ़ जाए तो कईकई कानून लागू हो जाते हैं. ‘फूड सेफ्टी ऐंड स्टैंडर्ड इंडिया एक्ट 2006’ लगता है. इस के रजिस्ट्रेशन से ग्राहक मिल जाते हैं पर फिर इंस्पैक्टरों को ?ोलना शुरू हो जाता है जो साफसफाई देखने आते हैं.

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