कोविड 19 को फैलने से रोकने के लिए सबसे अधिक हाइजीन की जरुरत होती है, जिसकी आदत देश में आधे से अधिक लोगों को नहीं है. सरकार ने भी इसे मजबूत करने के लिए सार्वजनिक जगहों पर थूकने पर जुर्माना या कैद की सजा का प्रावधान किया है, ऐसे में हैदराबाद के लूकैफे के फाउंडर अभिषेक नाथ ने स्पेशल सैनिटेशन की पद्यति को अपनाकर पिछले कई सालों से लूकैफे की स्थापना हैदराबाद के कई जगहों पर किया और अवार्ड जीते. उन्होंने रेस्टरूम को अच्छी तरह से सेनिटाइज कर बेक्टेरिया और वायरस से दूर रखा . इसे पब्लिक के लिए मुफ्त रखा गया, ताकि अधिक से अधिक लोग इसका प्रयोग कर सके.
इस बारें में अभिषेक का कहना है कि साफ़ सफाई और हाइजीन हमारे देश में एक चुनौती है. मैंने माल्स और शौपिंग क्पम्प्लेक्स क्लीनिंग और सेनिटाइजेशन के क्षेत्र में 20 सालों तक काम करने के बाद पाया कि हमारे देश में क्लीनिंग एक बड़ी समस्या है, इसलिए मैंने इसमें कुछ नया करने को सोचा और कंपनी एक्जोरा कॉर्पोरेट सर्विसेज में मेरा लूकैफे मेरा पहला प्रोजेक्ट रहा, जिसमें शिपिंग कंटेनर को दो भाग में विभाजित कर आधे में कैफे और आधे में वाशरूम बनाया. ये सभी महिला, पुरुष और हैंडीकैप्ड सभी के लिए बनाया गया है.
ये भी पढ़ें- #coronavirus: हाथ धोएं बार–बार, पर स्किन का भी रखें ख्याल
इसमें वाटरलेस यूरिनल्स होते है. ये इकोफ्रेंडली होने के साथ-साथ सैनीटरी नैपकिन डिकॉमपोजर भी है. सभी वाशरूम लोगों के लिए फ्री है. इसमें जो पैसा कैफे से मिलता है, उससे साफसफाई करने वाले लोगों का वेतन, वाशरूम की देखरेख, सब मैंनेज होता है. इसमें सरकार कोई पैसा नहीं देती सारा खर्चा मैं उठाता हूँ. सरकार केवल जगह मुहैया करवाती है. इस काम के लिए साल 2019 में मुझे बेस्ट इनोवेशन का अवार्ड भी मिल चुका है.
इसके आगे अभिषेक कहते है कि कोरोना वायरस की वजह से मैंने सोसाइटी में कुछ अलग करने के बारें में सोचा और डॉक्टर की सलाह पर हॉस्पिटल क्लीनिंग का काम करना शुरू किया, फिर मैंने पूरी टीम को प्रशिक्षित कर क्लीनिंग पर जोर दिया और सोशल डिस्टेंस को फोलो करते हुए काम शुरू किया. एक अच्छी तकनीक को देश में लाने के लिए मैंने यू के के डॉक्टर से भी संपर्क किया, जिसमें मैंने टीम मेम्बर्स को उस तकनीक से परिचय करवाया. इसमें खासकर, हाइजीन, क्लीनिंग और सेनिटाइजेशन को महत्व दिया गया. यहाँ के सारे वर्कर्स बेस्ट क्लीनिंग की पूरी प्रक्रिया को फोलो करते हुए काम कर रहे है. इसमें सेनिटेशन डी टनल को स्थापित करना मेरा काम है. जिसे 24 घंटे में बनाया गया है. इसमें से जाने वाला व्यक्ति पूरी तरह से अपने आपको सेनिटाइज कर, वेंडिंग मशीन से मास्क निकाल कर पहनकर बाहर जा सकता है. इसमें व्यक्ति का पूरा डेटा आ जाता है, जिससे उसकी किसी भी बीमारी का पता आसानी से बाद में भी लगाया जा सकता है. ये मशीन पब्लिक ऑफिसेस, अस्पतालों,घरों और फार्मासीज आदि किसी भी स्थान पर लगाया जा सकता है. सबसे पहले इस डी टनल को हैदराबाद के अधिकतर अस्पतालों में लगाया गया है. हैदराबाद के बाद इसे मुंबई दिल्ली,कश्मीर, जम्मू आदि कई बड़ी शहरों में लगाये जाने का प्रावधान है.
इनदिनों अस्पतालों में साफसफाई का काम जोरो पर है. यहाँ काम करने वाले वर्कर्स के डाइट भी अभिषेक ने बना कर दिए है, ताकि उनकी इम्युनिटी अच्छी रहे. वे कहते है कि सावधानी बड़ी चीज है. हर जगह अगर वेंडिंग मशीन में मास्क मिलने लगे, तो लोगों को उसे निकालकर पहनने में आसानी होगी. डी टनल के साथ उसे भी लगाया जा रहा है. इस काम में समस्या है सही स्टाफ का मिलना, लोगों को समझाना, वीडियो पर लोगों को ट्रेनिंग देना आदि. इसके अलावा जो गाइड लाइन इस टनल को लगाने के बाद है, उसे सही तरीके से 100 प्रतिशत फोलो, लोगों को और स्टाफ को करवाना भी चुनौती है, जिसके लिए लगातार काम चल रहा है.
ये भी पढ़ें- #coronavirus: जानें क्या है खानपान से जुड़े वहम
आगे अभिषेक की प्लानिंग है कि किसी भी मॉल या शोपिंग काम्प्लेक्स में जाने पर वहां व्यक्ति की पूरी जांच केवल दो हाथों से हो, ऐसी व्यवस्था हो, ताकि ऐसे किसी भी बीमारी से लोग आसानी से बच सकें.