Lockdown के चलते देश की पूरी अर्थव्यवस्था धड़ाम होने के कगार पर है. देश के अधिकाँश व्यवसाय और उद्द्योग धंधे बंद है और फैक्ट्रियों में ताला लगा हुआ है. वहीँ नौकरी से जुड़े लोग भी असमंजस की स्थिति में हैं क्यों की उन्हें भी कई तरह की कटौतियों का सामना करना पड़ रहा है.

इन स्थितियों में घर से न निकल पाने के चलते Taxpayers भी बहुत परेशान थे. क्यों की आयकर रिटर्न की जो तारीखें तय की गई थीं वह 31 जुलाई 2020 तक ही थी. ऐसे में तय समय सीमा में रिटर्न भरना  भी एक चुनौती थी. इन आशंकाओं का समाधान करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार शाम अपनी प्रेस कांफ्रेंस में कई बड़ी घोषणाएं की. इन घोषणाओं में आयकर रिटर्न भरनें की तिथियों में बढ़ोतरी भी शामिल है.

वित्तमंत्री की घोषणा के अनुसार वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए सभी आयकर रिटर्न फाइल करने की तारीख को 31 जुलाई 2020 को समय सीमा को बढ़ाकर अब 30 नवंबर 2020 कर दिया गया है. वहीं जिन फर्म या संस्थानों का आडिट होता है उनको अब 31 अक्टूबर तक अपना रिटर्न दाखिल करने का समय दिया गया है.

ईपीएफ पर भी मिली छूट

वित्त मंत्री नें प्रेस वार्ता के दौरान बताया की सरकार अगले तीन महीनें यानी अगस्‍त तक कंपनी और कर्मचारियों की तरफ से 12 फीसदी के साथ ही 12 फीसदी की रकम EPFO में जमा करेगी. वित्त मंत्री के इस घोषणा का लाभ करीब 3.67 लाख प्रतिष्ठानों और 72.2 लाख से अधिक कर्मचारियों को फायदा मिलेगा. इसके लिए 2500 करोड़ रूपये के राहत पैकेज की व्यवस्था की गई है.

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इसके पहले भी सरकार नें Lockdown के दौरान तीन महीनें के लिए मार्च, से मई तक ईपीएफ की राशि जमा किया था. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के घोषणा का लाभ सिर्फ उन्हीं कंपनियों को मिलेगा, जिनके पास 100 से कम कर्मचारी है और 90 फीसदी कर्मचारी की सैलरी 15,000 रुपये से कम है. यानी 15 हजार से ज्यादा तनख्वाह पाने वालों को इसका फायदा नहीं मिलेगा.

TDS की दरों में भी कटौती

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण नें जो घोषणाएं की हैं उसमें TDS की दरों में कटौती भी शामिल है. इसके तहत मार्च 2021 तक TDS-TCS की दरों में 25 फीसदी की कटौती किये जाने का प्राविधान किया गया है. सरकार TDS के के माध्यम से टैक्स जुटाने का काम करती है जिसे विभिन्न तरह के आय के स्रोत पर काटा जाता है. टीडीएस की इस घटी हुई दर का लाभ ब्याज, किराया, प्रोफेशनल फीस, आदि के लिए मिल सकेगा.

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