रिमझिम बारिश सबके लिए खुशियाँ लाती है, क्योंकि भीषण गर्मी से राहत मानसून ही दिलाती है, पर इस मौसम में नमी की अधिकता की वजह से घरों और आसपास के सामानों में जंग और फफूंद की समस्या बढ़ जाती है, जिसका उपाय कर लेने से इस मौसम का आनंद अच्छी तरह से लिया जा सकता है. मुंबई जैसे शहर में जहाँ मानसूनी बरसात लगातार कुछ दिनों तक बरसता रहता है. चारों तरफ पानी ही पानी दिखाई पड़ता है. नदी तालाब सब उफान पर होते है, ऐसे में घर को मानसून की नमी से बचाने के लिए कुछ उपाय पहले से करना जरुरी होता है.
मसलन दीवारों से पानी की रिसाव को रोकना, फर्नीचर के सामानों में फफूंद लगने से बचाना, घर की सतहों को गीलेपन से बचाना, कपड़ों को सही तरह से अलमारी में रखना, कमरों में फ्रेश सुगंध को फैलाना आदि कई है. इस बारें में गोदरेज लॉक्स एंड आर्किटेक्चरल फिटिंग्स एंड सिस्टम्स के बिजनेस हेड, श्री श्याम मोटवानी का कहना है कि बारिश में घरों को स्वच्छ और प्रदुषण रहित रखना हर किसी के लिए चुनौती होती है. लगातार की बारिश से नमी का प्रवेश घरों में होता रहता है,जिससे घर को बचाना आवश्यक है. खासकर इनदिनों जबकि पूरा देश कोरोना संक्रमण की वजह से घरों में कैद है. कुछ सुझाव निम्न है,
1. बिजली के ढीले तारों को ठीक करना इस समय बहुत आवश्यक है, क्योंकि बारिश के दौरान ढीले तार सुरक्षित हो सकते हैं, तेज हवा और भारी बारिश के कारण कई बार बिजली बंद भी करनी पड़ती है, क्योंकि गीले तार के चलते शॉर्ट सर्किट हो सकता है, घर या इमारत में आग लग सकती है, जान माल की क्षति हो सकती है, जो बेहद खतरनाक हो सकता है.
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2. दीवारों और छतों में लीक होने से बारिश का पानी दीवारों और छतों की दरारों से रिस कर अंदर आने लगती है, ऐसे में दीवारों में सड़न से बदबू, फफूंदी, दीवारों का कमजोर होना आदि की समस्या आती है, इसे हटाने के लिए फफूंदी को साफ़ कर ब्लीच और पानी के मिश्रण का घोल तैयार कर उन जगहों पर लगा दें, यह सफाई के अलावा कीटनाशक भी है और फिर से फफूंदी लगने से दीवारों को बचाता भी है, इससे बचने के लिए जलरोधी कोटिंग के साथ दीवार को पेंट करके इस तरह के लीकेज से बचा जा सकता है, ताजी हवा और प्राकृतिक प्रकाश को अंदर जाने के लिए खिड़कियां और दरवाजे बीच-बीच में खोलें, कमरों का रंग ब्राइट रखे ताकि आपका मन हमेशा प्रसन्न रहे, इसके अलावा बारिश के बाद छतों और दीवारों के लीक को जल्दी से ठीक करवाना न भूलें.
3. बारिश में लोहे के सामानों पर जंग जल्दी लग जाता है, जिसमें तालों के रखरखाव पर अधिक ध्यान देनी पड़ती है. ताला ख़राब न हो इससे पहले उसकी देखभाल कर लेनी चाहिए, हर तीन महीने पर अपने घर के तालों को चेक कर लें कि वो ठीक से काम कर रहे हैं या नहीं, यदि ताला ठीक से काम नहीं कर रहा है, तो बाज़ार में मिलने वाले WD40 स्प्रे का उपयोग करना चाहिए, क्योंकि इससे ताले के अंदरूनी हिस्से में जमा धूल को हटाने में मदद मिलती है, इसके अलावा ताले की सतह को साफ करने के लिए एक नरम कपड़े का उपयोग करनी चाहिए.
4. ज्यादातर घरों में लकड़ी के फर्नीचर या चमड़े के समान होते है, नमी युक्त हवा होने की वजह से बारिश में इस पर फंगस आ जाती है, इसलिए इन सामानों को खिडकियों और दरवाजों से दूर रखे. सामानों को नमी से बचाने के लिए अलमारी में कपूर के गोले, नीम के पत्ते या लौंग डालें. नमी को दूर करने के लिए लकड़ी के फर्नीचर और चमड़े के सामनों पर पॉलिश या मोम का उपयोग भी कर सकती है, क्योंकि नमी के चलते कीड़े या दीमक भी लग सकते हैं।
5. दरवाजों और खिड़कियों को सुरक्षित रखन भी इस मौसम में एक चुनौती है, क्योंकि हवा में नमी की मात्रा अधिक होने की वजह से लकड़ी के दरवाजे फूल सकते हैं, इन्हें फूलने से बचाने के लिए दरवाजे के किनारों पर तेल लगाएं, इसके अलावा दरवाजे का जो हिस्सा फूला हुआ है और बंद करते समय फंस रहा है, उस हिस्से पर सैंडपेपर का उपयोग करें, घरों की खिड़कियों को बारिश से अधिक खतरा होता है और यदि इसे ठीक नहीं रखा जाये, तो इससे पानी का रिसाव हो सकता है. यूपीवीसी (अनप्लास्टिसाइज्ड पॉलीविनाइल क्लोराइड भी कहा जाता है) से बने खिड़की के फ्रेम नमी प्रतिरोधी होता है, जिससे बारिश का पानी और नमी को अंदर आने से रोका जा सकता है. इसके अलावा खिड़की और दरवाजे के कब्जे ठीक से लगे है या नही इसकी भी जाँच करते रहना चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सकें.
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6. मानसून के दौरान बाथरूम और किचन की नालियों को साफ़ रखना और ढके रहने की अत्यंत जरुरी है. सप्ताह में एक बार उन्हें साफ़ करने की कोशिश करें, भरे हुए नाली से दुर्गन्ध आती है और कीड़े-मकोड़े जन्म लेते है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है, इसके लिए बाज़ार में मिलने वाले कई उत्पाद का प्रयोग करें, साथ ही फ्रेशनेस के लिए फिनायल की गोली नालियों के पास रखें.