आशीष और रीमा ने कुछ दिनों पूर्व अपनी 10 साल की समस्त जमा पूंजी लगाकर अपने सपनों का आशियाना खरीदा, उसका इंटीरियर भी दिलो जान से करवाया और ख़ुशी ख़ुशी उसमें अपने माता पिता और 2 बच्चों के साथ शिफ्ट भी हो गये. पूरा परिवार खुश था कि जैसा घर खरीदना चाहते थे उससे भी अच्छा घर खरीद पाए पर 1 साल बाद ही अचानक एक दिन आये हार्ट अटेक से उसकी मम्मी चल बसीं. मम्मी के जाने के बाद अब नई समस्या उत्पन्न हो गई क्योंकि भविष्य में जमीन अपनी रहे इस सोच के चलते आशीष ने एक डुप्लेक्स घर खरीदा था जिसमें नीचे के फ्लोर पर 1 बी एच के और ऊपर 2 बी एच के था. जब तक मां थीं तो पापा और मां नीचे रहते थे आशीष अपने 2 बच्चों के साथ ऊपर पर अब 90 वर्षीय पिता को अकेले नहीं छोड़ा जा सकता था और नीचे एक कमरा ही था जिसमें अन्य किसी के सोने की कोई व्यवस्था नहीं थी अब आशीष परेशान है कि यदि पहले इस समस्या पर विचार किया होता तो या तो नीचे 2 बी एच के का घर देखता या फिर 3 बी एच के फ्लेट ही खरीद लेता क्योंकि पिता को अकेले छोड़ना सम्भव नहीं था अब आशीष के पास 2 ही विकल्प हैं कि या तो घर बदला जाये या फिर घर की संरचना में परिवर्तन कराकर एक कमरा नीचे निकलवाया जाये.
अनन्या ने सर्व सुविधायुक्त बहुत अच्छी सोसाइटी में काफी महंगे दामों पर अपनी सारी जमा पूंजी लगाकर 3 बी एच के फ्लेट खरीदा परन्तु जब वह वहां निवास करने लगी तो उसे समझ आया कि सोसाइटी के आसपास कोई भी बाजार नहीं है जिससे रोजमर्रा छोटी छोटी चीजों को खरीदने के लिए भी उसे कार से ही जाना पड़ता है जिससे समय और पैसा दोनों की ही बर्बादी होती है अब समझौता करने के अलावा कोई चारा नहीं है वह कहती है, “काश मैंने बाहरी चमक दमक की अपेक्षा थोडा सा प्रेक्टिकल होकर सोचा होता, क्योंकि घर कोई शाक भाजी नहीं है जिसे पसंद न आने पर बदला जा सके.”
अपना घर खरीदना हर किसी का सपना होता है, पहले की अपेक्षा आजकल बैंक से घर के लिए लोन भी बड़ी आसानी से मिल जाता है इसके साथ ही आयकर में छूट भी मिलती है जिससे नौकरी लगने के बाद घर खरीदना और अधिक आसान हो जाता है. घर हम सभी जीवन में एक बार ही खरीदते हैं और इसे केवल तात्कालिक जीवन या फिर परिस्थतियों को देखकर नहीं बल्कि भविष्य और परिवार के स्ट्रक्चर को ध्यान में रखकर ही खरीदना चाहिए ताकि जिन्दगी के किसी भी मोड़ पर आपको पछताना न पड़े. घर खरीदते समय कुछ बातों का ध्यान रखा जाना अत्यंत आवश्यक है-
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल
गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- 2000+ फूड रेसिपीज
- 6000+ कहानियां
- 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन
गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- 24 प्रिंट मैगजीन
- 2000+ फूड रेसिपीज
- 6000+ कहानियां
- 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स