कोरोना के चलते देश में लगाए गए कर्फ्यू के चलते लोगों को रोजमर्रा की जरूरतों के काम आने वाली कई वस्तुओं के किल्लत का सामना पड़ रहा है. लेकिन इस दौर में लोगों को जिस चीज की ज्यादा आवश्यकता पड़ी है वह है खाने-पीने की वस्तुएं. कोरोना के चलते लगे लॉक डाउन नें लोगों में इस चीज का एहसास ज्यादा कराया है की खाने के लिए अनाज और सब्जियों का समय पर मिलना कितना जरुरी है. इस दौर में शहरों में रह रहें लोगों को भी सोचने को मजबूर कर दिया है. क्यों की उनके पास इतनी जमीनें तो होती नहीं हैं की वह अपने खाने भर के लिए अनाज उपजा पायें. लेकिन शहरों में रह रहें कुछ लोगों के पास घर के दायरे में इतनी जगह जरुर होती है जिसे वह किचेन गार्डेन के रूप में उपयोग कर ताजी और रसायनमुक्त सब्जियां और फल उपजा कर अपने रोजमर्रा के सब्जी की की जरूरतों को न केवल पूरा कर सकतें है. बल्कि लॉक डाउन जैसी उपजी परिस्थितियों में सब्जियों की किल्लत से भी निजात पा सकतें हैं.
1. खाली जमीन के उपयोग के लिए किचन गार्डन को बनायें जरिया
अगर आप घर के बाउन्ड्री के भीतर खाली जमीन पड़ी हुई है तो किचन गार्डन के रूप में इसका प्रयोग कर अपने डेली की जरूरतों को पूरा किया जा सकता है. इस खाली जमीन से आप अपने डेली के यूज भर की सब्जियां, फल और फूल आसानी से उगा सकतें हैं.
2. गमले भी हो सकतें हैं किचेन गार्डन का हिस्सा
जिन लोगों के घर में सब्जियां उगानें के लिए खाली जमीन नहीं हैं. वह भी घर पर किचेन गार्डन बना कर सब्जियां उगा सकतें हैं. इसके लिए गमले का इस्तेमाल किया जा सकता है. गमलों में सब्जियां उगानें के पहले गमलों में भरी जाने वाली मिटटी को पहले से तैयार कर लेना चाहिए. इसके लिए ,मिटटी में गोबर की सड़ी खाद, वर्मी कम्पोस्ट, या नाडेप कम्पोस्ट को मिटटी में अच्छी तरह से मिला लेना चाहिए. मिटटी में इन खादों को मिलानें के बाद ही गमले में मिटटी को भरा जाना चाहिए.
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