कहते हैं कि खूबसूरत और मजबूत नाखून अच्छी सेहत की निशानी होते हैं, इसलिए ये शरीर के बहुत जरूरी अंग माने जाते हैं. युवा महिलाओं में तो इन्हीं नाखूनों यानी नेल्स की एक अलग ही सतरंगी दुनिया होती है जो उन की खूबसूरती में चार चांद लगा देती है. तभी तो महिलाएं अपने नेल्स के साथ खूब ऐक्सपैरिमैंट भी करती रहती हैं.

यही वजह है कि अब साधारण नेल पौलिश की जगह नेल आर्ट ने ले ली है और ब्यूटीपार्लर में बाकायदा महिला अथवा पुरुष नेल आर्टिस्ट या टैक्नीशियन होते हैं जो किसी फंक्शन या महिला की उम्र के मुताबिक नेल्स को शेप और स्टाइल देते हैं और उन में दिलकश रंग भी भरते हैं.

क्या है नेल आर्ट

अब सवाल उठता है कि नेल आर्ट क्या है? क्या इसे कोई भी कर सकता है या इस के लिए कोई प्रोफैशनल डिप्लोमा या कोर्स आदि भी किया जाता है? इन सवालों के जवाब फरीदाबाद, हरियाणा की नेल टैक्नीशियन अर्चना सिंह ने दिए, जिन्होंने औराने इंटरनैशनल ऐकैडमी, लाजपतनगर, नई दिल्ली से नेल आर्ट में डिप्लोमा किया है जिसे प्रोफैशनल भाषा में ‘डीएन डिप्लोमा इन नेल टैक्नोलौजी’ कहा जाता है. इस डिप्लोमा कोर्स की अवधि 45 दिनों की होती है.

अर्चना सिंह ने अपना यह कोर्स पूरा करने के बाद नई दिल्ली के साकेत में स्थित सलैक्ट सिटी वाक मौल में एक आउटलेट ‘नेल ऐंड मोर’ में 1 महीने की ट्रेनिंग की थी और उस के बाद लगभग 6 महीने तक वहीं पर इंटर्नशिप भी की थी.

अपनी ट्रेनिंग और इंटर्नशिप पूरी करने के बाद अर्चना सिंह ने 6 महीने तक एक सैलून में काम किया था और वहां काफीकुछ सीखने के आधार पर वे अब फ्रीलांसिंग के साथसाथ ‘ड्यूड्स ऐंड डौल्स’ में भी बतौर एक नेल टैक्नीशियन काम कर रही हैं.

अर्चना सिंह ने बताया, ‘‘हमारी सोसाइटी में जब मेकअप या ग्रूमिंग की बात की जाती है तो महिलाएं सिर्फ अपने चेहरे, बालों या फिजिकल लुक के बारे में ही सोचती हैं या उस पर ध्यान देती हैं जोकि बिलकुल सही है. लेकिन आमतौर पर ज्यादातर महिलाएं अपने हाथों और पैरों के बारे में न तो बहुत ज्यादा सोचती हैं और न ही उन के लिए किसी तरह की मेकअप सर्विस का इस्तेमाल करती हैं.

‘‘वे अकसर इस बात पर ध्यान नहीं देतीं कि हमारे हाथों की स्किन की संरचना इस प्रकार की है कि अगर इन पर ध्यान न दिया जाए तो ये ही सब से पहले हमें बूढ़ा करना शुरू करते हैं और वहां की स्किन पर झुर्रियां पड़ जाती हैं.

‘‘नेल आर्ट अपने हाथों को सजाने और उन्हें बेहतर तरीके से प्रेजैंट करने का एक बहुत खूबसूरत तरीका है. मैं तो यही कहूंगी की नेल आर्ट बेसिकली सैल्फकेयर है.

‘‘नेल आर्ट के साथ बहुत सी चीजें जुड़ी हैं, जिन में सब से पहले आता है ‘नेल केयर’ और ‘नेल केयर’ की सर्विसेज आप को ‘मैनीक्योर’ और ‘पैडीक्योर’ से मिल सकती हैं. उस के बाद नैचुरल नेल्स को भी सजा सकती हैं. इस के लिए मार्केट में बहुत से प्रोडक्ट्स मिल जाते हैं जैसेकि नेल पेंट्स या फिर आप किसी पेशेवर नेल सैलून में जा कर अपने नेल्स पर नेल आर्ट या नेल ऐक्सटैंशन भी करवा सकती हैं.’’

ट्रैंड में है

वैसे तो काफी समय से महिलाएं अपने नेल्स पर नेल पौलिश लगाती आ रही हैं, पर नेल आर्ट ने इस बाजार को और बड़ा बना दिया है. इस से दिमाग में एक सवाल जरूर उठता है कि नेल आर्ट कैसे ट्रैंड में आया है?

अर्चना सिंह ने बताया, ‘‘अगर हम कुछ समय पहले की बात करें तो तब नेल आर्ट महिलाओं में बहुत ज्यादा पौपुलर नहीं था, लेकिन समय के साथसाथ उन में अपनी सैल्फकेयर को ले कर जागरूकता आ रही है और अब वे नेल आर्ट की तरफ आकर्षित हो रही हैं.

‘‘नेल आर्ट उन महिलाओं के लिए बहुत सहायक साबित हो रहा है, जिन के नैचुरल नेल्स में कुछ दिक्कतें होती हैं. ये समस्याएं उन की नेल्स की ग्रोथ या फिर उन के नेल्स के दिखने से जुड़ी हो सकती हैं. लेकिन नेल आर्ट इंडस्ट्री में लगातार और बहुआयामी इनोवेशन आने से आज मार्केट में बहुत सारे साधन मौजूद हैं, जिन के इस्तेमाल से महिलाओं के नेल्स लंबे समय तक मैंटेन रहते हैं.’’

नेल आर्ट का अभी कौन सा ट्रैंड चल रहा है? इस सवाल के जवाब में अर्चना सिंह ने बताया, ‘‘आज के समय में नेल आर्ट इंडस्ट्री ने काफी तरक्की कर ली है और आज मार्केट में कस्टमर को बहुत सारे प्रोडक्ट्स और सर्विस मिल जाती है.

‘‘वर्तमान में नेल इंडस्ट्री में ‘ऐक्रिलिक’ और ‘जैल’ नेल्स का बहुत ज्यादा ट्रैंड है. ये दोनों अलगअलग प्रकार के कंपोजिट होते हैं जिन से नेल्स का बेस तैयार किया जाता है. अगर आप को लेम नाखून पसंद हैं, लेकिन आप के नाखून कुदरती कुछ कम लंबे हैं तो आप ‘नेल ऐक्सटैंशन’ करवा कर मनमुताबिक नाखून पा सकती हैं.

‘‘अगर कोई महिला किसी प्रोफैशनल नेल टैक्नीशियन या आर्टिस्ट से किसी भी तरह की सर्विस लेती है तो 3 से 4 हफ्तों तक उस के नेल्स बिलकुल अच्छी तरह से मैंटेंड रहेंगे और उसे बारबार अपने नेल आर्टिस्ट के पास चक्कर नहीं लगाने पड़ेगे.’’

कितना खर्चा आता है

अब सवाल यह है कि नेल आर्ट पर कितना खर्चा आता है?

अर्चना सिंह ने बताया, ‘‘नेल आर्ट में बहुत तरह की सर्विस दी जाती हैं और बहुत ही अलगअलग तरह के प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल भी किया जाता है. प्रोडक्ट्स की क्वालिटी भी कई तरह की होती है और मार्केट में कई रेंज में उपलब्ध हैं.

‘‘अगर आप एक प्रोफैशनल नेल टैक्नीशियन से नेल आर्ट से जुड़ी कोई सर्विस लेती हैं जैसेकि नेल ऐक्सटैंशन, जैल पौलिश तो इस का खर्चा करीब ₹12 सौ से ₹15 सौ तक आना चाहिए (यह अनुमानित खर्चा है. यह निर्भर करता है कि आप किस तरह का प्रोडक्ट इस्तेमाल कर रहे हैं).’’

चूंकि नेल आर्ट का चलन बहुत ज्यादा बढ़ रहा है तो बहुत सी लड़कियां इस में अपना कैरियर बनाना चाहती हैं. ऐसे में यह सवाल उठता है कि वे नेल टैक्नीशियन कैसे बन सकती हैं और इस प्रोफैशन का आगे स्कोप क्या है?

ग्रूमिंग का अभिप्राय

अर्चना सिंह ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा, ‘‘नेल आर्ट आज के समय में ग्रूमिंग का अभिप्राय बन चुका है और यह एयरलाइंस इंडस्ट्री में एयर होस्टेस और कैबिन क्रू, होटल इंडस्ट्री, कौरपोरेट सैक्टर इत्यादि में काफी ट्रैंडी है. इस के साथसाथ नेल आर्ट शादीविवाह समारोह या घर के दूसरे कार्यक्रमों के समय कराया जाता है.

‘‘नेल टैक्नोलौजी एक कौस्मैटोलौजी का हिस्सा है. आज के समय में आप कौस्मैटोलौजी ऐकेडमी को अपनी पढ़ाई के एक विषय के तौर पर चुन सकती हैं, जो कई स्कूल और कालेज में उपलब्ध विषय है. कई कालेजों में तो इसे आप अपने मेन सब्जैक्ट की तरह भी चुन सकती हैं. बहुत सारे प्रोफैशनल और अनुभवी नेल आर्टिस्ट अपना नेल आर्ट स्कूल भी चलाते हैं. आप उन से भी यह काम सीख सकती हैं.

‘‘नेल आर्टिस्ट या टैक्नीशियन बनने के लिए सब से पहले एक ट्रेनिंग की जरूरत होती है. एक प्रोफैशनल सर्टिफाइड नेल टैक्नीशियन कोर्स की फीस ₹50 हजार से ले कर ₹80 हजार के बीच हो सकती है. यह जगह के आधार पर कम या ज्यादा भी हो सकती है.

‘‘नेल आर्ट के काम में शुरुआत में एक नेल टैक्नीशियन को करीब ₹12 हजार से ₹15 हजार तक की मासिक सैलरी मिल सकती है. 2-4 वर्ष के अनुभव के बाद यह सैलरी ₹18 हजार से ₹30 हजार तक जा सकती है और भविष्य में इस पेशे में बहुत ज्यादा संभावनाएं हैं.’’

Nail Art: आमदनी का खूबसूरत जरिया

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...