National Doctor’s Day 2024 : हर साल 1 जुलाई  नेशनल डाक्टर्स डे के रूप में मनाया जाता है. यह दिन डाक्टरों को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है. डाक्टर्स जो इंसानों को जीवनदान देते हैं, लोगों को स्वस्थ रखने में अहम भूमिक निभाते हैं. आज का दिन है डाक्टर्स को ‘थैंक्स’ कहने का…

 

नेशनल डाक्टर्स डे पर कुछ बेहतरीन फिल्मों के बारे में बताएंगे, जो डाक्टर्स पर बनी हैं, जिनमें डाक्टर के इम्पोर्टेंस को दिखाया गया है, इसके अलावा इलाज करतेकरते डाक्टर और मरीज का रिश्ता कैसे बन जाता है. आइए जानते हैं, डाक्टर बेस्ड फिल्मों के बारे में.

डाक्टर कोटनिस की अमर कहानी (1946)

‘डाक्टर कोटनिस की अमर कहानी’ चीन और भारत की दोस्ती पर आधारित फिल्म है. दरअसल, इस फिल्म में दिखाया गया है कि चीन और जापान के बीच मध्य युद्ध चल रहा था और बड़ी संख्या में चीनी सैनिक घायल हो रहे थे, उन्हें इलाज मिलना वहां मुश्किल हो रहा था. दरअसल, चीन के पास डाक्टरों की कमी थी. उसी दौरान देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित नेहरू और सुभाष चंद्र बोस ने डाक्टर्स को भारत से चीन भेजा. पंडित नेहरू किसी भी देश के मदद के खड़े रहते थे. इन्ही डाक्टर्स में डा. कोटनिस एक थे. जिन्होंने कम उम्र में ही मेडिकल क्षेत्र में खूब नाम कमाया. इस फिल्म में डाक्टर्स कैसे लोगों की जान बचाते हैं, इस पर फोकस कर यह फिल्म बनाई गई है.

खामोशी  (1969)

फिल्म खामोशी में राजेश खन्ना और वहीदा रहमान के एक्टिंग काफी पसंद आई. यह फिल्म हौस्पिटल में काम करने वाली नर्स की कहानी है. जो मरीज की देखभाल करती है और उसी से प्यार कर बैठती है. इस फिल्म में वहीदा रहमान ने नर्स का किरदार बहुत ही अदाकारी से निभाया था. इस फिल्म को ब्लैक एंड व्हाइट सिनेमैटोग्राफी के लिए फिल्मफेयर मिला था.

आनंद (1971)

फिल्म ‘आनंद’ में राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन, सीमा देव और भी कलाकार मुख्या भूमिकाओं में हैं. इस फिल्म को ऋषिकेश मुखर्जी ने निर्देशित किया है. डाक्टर और मरीज के रिश्ते पर आधारित यह फिल्म दर्शकों का दिल जीत लेती है.

फिल्म में राजेश खन्ना मरीज और अमिताभ ने डाक्टर भास्कर का किरदार निभाया है. एक डाक्टर मरीज का इलाज करते हुए कैस उसका दोस्त बन जाता है, इस फिल्म में इस रिश्ते को आप देख सकते हैं, यह मोटिवेटेड फिल्म है.

एक डाक्टर की मौत (1990)

यह फिल्म डा. सुभाष मुखोपाध्याय के जीवन पर आधारित फिल्म है. आपको बता दें कि डा. सुभाष मुखोपाध्याय उसी साइंटिस्ट का नाम है, जिन्होंने 1VF को लेकर उसी दौर में काम किया था, जब इंग्लैंड में इसी विषय पर काम हो रहा था. लेकिन किसी कारणवश भारत इस अविष्कार से चूक गया.
फिल्म ‘एक डाक्टर की मौत’ में पंकज कपूर ने डाक्टर का किरदार बहुत ही बखूबी से निभाया है. इसमें यह भी दिखाया गया है कि जब कोई डाक्टर सफल होता है, तो लोग उसे निचा गिराने के लिए हर संभव तरीके से उसे परेशान करते हैं.

ट्रैफिक (2016)

मोनज बाजपेयी, जिमी शेरगिल, दिव्या दत्ता स्टारर फिल्म ट्रैफिक सच्ची घटना पर आधारित फिल्म है. साल 2011 में मलयालम भाषा में यह फिल्म बनी थी, फिर 2016 में उसी फिल्म की हिंदी रिमेक बनी. यह फिल्म डाक्टर की महानता को दर्शाता है.

इस फिल्म में दिखाया गया है कि सड़क हादसे में रिपोर्टर की हालत गंभीर हो जाती है, तो दूसरी तरफ एक बच्ची को हार्ट ट्रांसप्लांट की जरूरत है. ऐसे में यह बात सामने निकलकर आती है कि अगर उस शख्स के मरने से पहले हार्ट निकालकर बच्ची के ट्रांसप्लांट के लिए पहुंचा दिया जाए, तो उस बच्ची की जान बच सकती है. ऐसे में डाक्टर बच्ची की जान बचाने के लिए क्याक्या ट्रीटमेंट करता है, वो बहुत ही बारिकी से इस फिल्म में दिखाया गया है.

 

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