एक समय था जब बचपन बड़ा ही समृद्ध हुआ करता था. स्कूल के बाद बाहर जाकर खूब खेल कूद और उसके बाद ढेर सी किताबों के बीच पसरा हुआ बचपन बहुत ही शानदार होता था.चाचा चौधरी , बिल्लू , पिंकी , चंदा मामा,पंचतंत्र से होता हुआ ये सफर कब प्रेमचंद के गोदान और रवींद्रनाथ टैगोर की उच्च स्तरीय कहानियों तक पहुंच जाता था पता ही नहीं लगता था और फिर ये आदत ताउम्र नहीं छूटती थी .पर अब के भागदौड़ भरे समय में सबकुछ बदल गया है .

आज का बचपन ढेर सारे डिजिटल गैजेट्स में उलझकर रह गया है. हर माता पिता की ये ख़्वाहिश होती है कि उनका बच्चा अच्छे से पढ़े लिखे और उसे बहुत सारा ज्ञान हो पर ये ज्ञान उसे केवल इंटरनेट पर नहीं मिल सकता इसके लिए किताबें पढ़ना बेहद आवश्यक है.जो ज्ञान किताबों से मिल सकता है वो और कहीं से भी पाना मुश्किल होता है,किताबें बच्चों के सर्वांगीण विकास में सहायक होती हैं और बहुत हद तक उसकी सोचने समझने की क्षमता भी बढ़ाती हैं.स्कूल में केवल कोर्स की किताबें पढ़ाई जाती हैं ऐसे में बच्चा अलग से किताबें कैसे पढ़ें ये हर माता पिता की समस्या है.ऐसे में कुछ उपाय यदि अपनाए जाएँ तो ये बच्चों में पठन पाठन की रुचि बढ़ाने में कारगर हो सकते हैं.

1. ख़ुद से करें शुरुआत–

यदि आप बच्चे में कोई अच्छी आदत डालना चाहते हैं तो पहले खुद को अनुशासित होना पड़ेगा.आप थोड़ा समय निकालें और घर में ऐसा माहौल बनाएं जिस से बच्चे में पढ़ने की इच्छा जागृत हो.इसके लिए आपको एक ऐसा समय निर्धारित करना होगा जिस समय मे घर में कोई भी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट जैसे कंप्यूटर मोबाइल वग़ैरह चलाने की पाबंदी होगी और उस समय मे केवल किताबें पढ़ी जायेंगी .आप भी जब इस मे शामिल होंगे तो बच्चे अपने आप रुचि लेंगे.

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2. गिफ़्ट करें किताबें–

बच्चों को समय समय पर किताबें गिफ्ट करें .याद रखें कि किताबों का चुनाव करते समय उनकी उम्र और रुचि का खयाल रखना ख़ास ज़रूरी है.बच्चे वही पढ़ना चाहते हैं जिसमें उनकी रुचि हो.वो कॉमिक्स या पत्रिका जो भी पढ़ें उनको पढ़ने दें जब आदत पड़ जाएगी तो वो अपने आप सही किताबों का चुनाव करना सीख जाएँगे.

3. लाइब्रेरी में लेकर जाएँ–

शाम को गार्डनिंग करने के बाद हर दूसरे दिन उनको लाइब्रेरी में लेकर जायेँ जिस से वहाँ उन्हें अलग अलग प्रकार की किताबों को पढ़ने का अवसर मिल पाए.बच्चों पर अपनी पसन्द न थोपें आप उन्हें पंचतंत्र पढ़ने को कहें और यदि वो स्पाइडर मैन पढ़ना चाहते हों तो उन्हें वही पढ़ने दें धीरे-धीरे उनकी आदत बन जाएगी पढ़ने की.

4. पेपर पढ़ने की आदत डालें–

पढ़ने की आदत डालने की शुरुवात पेपर से करें .बच्चों को रोज पेपर पढ़ने की आदत डालें.यदि बच्चों के पास समय नही है पढ़ने का तो आप पेपर में खास खबरों को मार्कर से अंडरलाइन कर के रखें जिस से उन्हें अपना कीमती समय खराब न करना पड़े और जल्दी से वो पेपर पढ़ पाएँ.उनसे जानकारी के लिए पूछते रहें कि आज उन्होंने दिनभर में क्या पढा.

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5. कहानियाँ सुने सुनाएँ–

बच्चे कहानियों से बहुत जल्दी जुड़ जाते हैं ऐसे में उन्हें पहले कहानियाँ पढ़ कर सुनाएँ जिस से उनकी रुचि बढ़ेगी फिर धीरे धीरे उनसे खुद पढ़ने को कहें और उनसे भी कहानी सुनाने को कहें इस से उन्हें किताबों से जुड़ने में मदद मिलेगी.

छोटे बच्चे माँ से बहुत जुड़े होते हैं और बचपन में बहुत जल्दी नकल करते हैं ऐसे में यदि माँ ख़ुद किताबें पढ़ेगी तो बच्चे देखकर अपने आप सीखेंगे और इस तरह उनमें ये अच्छी आदत अपने आप डल जाएगी.

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