एक बार एक बुद्धिमान व्यक्ति ने लोगों को सिखाने के लिए कि ‘कैसे अपने जीवन में दुखों से छुटकारा पाया जाए’ एक सेमिनार का आयोजन किया. उस बुद्धिमान व्यक्ति की बातें सुनने के लिए बहुत से लोग इकट्ठा हुए. उस आदमी ने कमरे में प्रवेश किया और भीड़ को एक चुटकुला सुनाया. सभी लोग उस चुटकुले पर बहुत हँसे.
एक-दो मिनट के बाद उस आदमी ने लोगों को फिर से वही चुटकुला सुनाया तो भीड़ में से कुछ ही लोग उस चुटकुले को सुनकर मुस्कुराए.
जब उसने तीसरी बार वही चुटकुला सुनाया तो कोई भी नहीं हंसा.
बुद्धिमान व्यक्ति मुस्कुराया और उसने कहा, "जब आप एक ही मजाक पर बार-बार हँस नहीं सकते,तो आप अपनी असफलता के बारे में सोचकर बार-बार क्यों रोते रहते हैं? ”
असफलता जीवन की एक वास्तविकता है जिसका सामना सभी मनुष्यों को अपने जीवन में कभी न कभी, किसी न किसी रूप में करना ही पड़ता है. इससे कोई भाग नही सकता.
अलबर्ट आइंस्टीन ने कहा था कि “ यदि कोई व्यक्ति कभी असफल नहीं हुआ इसका मतलब उसने अपने जीवन में कभी कुछ नया करने की कोशिश नहीं की”
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अगर आप असफल नहीं होते इसका मतलब आप अपनी लाइफ में रिस्क लेने से डर रहे है. यह आपकी लाइफ का सबसे बड़ा रिस्क है की आप कोई रिस्क नहीं ले रहे है. कोई भी व्यक्ति इतिहास में grow नही किया है बिना रिस्क लिए, रिस्क तो आपको लेना ही पड़ेगा. आगे बढ़ें और चुनौतियों को स्वीकार करें. यदि आप कुछ बातों पर गहराई से विचार करें तो आप आसानी से अपनी असफलता को सफलता में बदल सकते हैं: