अवॉइडेंट अटैचमेंट स्टाइल के लोग रिश्ते तो बनाते हैं, लेकिन उनसे गहरा लगाव नहीं बना पाते।

पता नहीं स्वाति अर्नव अपने मन की बात खुलकर क्यों नहीं कहता? उसको अगर कोई परेशानी है तो खुलकर बोले… मुझे तो यही समझ में नहीं आता कि कौन सी बात उसको पसंद है और कौन सी नापसंद”…समीरा ने अपनी सहेली जो कि एक मनोवैज्ञानिक डॉक्टर भी थी उससे अपने वैवाहिक जीवन की परेशानी साझा की।

इस पर स्वाति ने कहा,” इस ​दुनिया में अलग-अलग नेचर के लोग हैं। कोई दूसरों से मिलते ही एक रिश्ता जोड़ लेता है, तो कोई बात तक करने में असहज महसूस करता है, कुछ लोग रिश्ता तो बना लेते हैं पर आगे बढ़ने से डरते हैं। दरअसल, किसी भी व्यक्ति का स्वभाव काफी हद तक उसके अटैचमेंट स्टाइल पर निर्भर करता है।”

जी हां, अटैचमेंट स्टाइल, जिसके विषय में अधिकांश लोग जानते नहीं हैं। अटैचमेंट स्टाइल कई तरह के होते हैं। लेकिन इनमें से सबसे वीक होता है अवॉइडेंट अटैचमेंट स्टाइल। अवॉइडेंट अटैचमेंट स्टाइल के लोग रिश्ते तो बनाते हैं, लेकिन उनसे गहरा लगाव नहीं बना पाते। अगर आप भी रिश्तों की ऐसी ही दुविधा में उलझे हैं तो आपको अवॉइडेंट अटैचमेंट के बारे में जानकारी होना जरूरी है।

आखिर क्यों लगाव से बचते हैं लोग

डॉक्टर स्वाति मित्तल, मनोवैज्ञानिक और सलाहकार, मैक्स हॉस्पिटल के मुताबिक अवॉइडेंट अटैचमेंट स्टाइल के लोगों में आपको कई लक्षण नजर आते हैं। इस अटैचमेंट स्टाइल के लोग इमोशनली इनडिपेंडेंट होते हैं। वो किसी से भी नजदीकी बढ़ाने से डरते हैं। इतना ही नहीं ऐसे लोग अपनी फीलिंग्स को एक्सप्रेस नहीं कर पाते हैं, क्योंकि दूसरों पर भरोसा करने से वे डरते हैं। वे दूसरों से मिलने, जुलने से कतराते हैं। अपनी भावनाओं के बारे में बात करना पसंद नहीं करते हैं। अवॉइडेंट अटैचमेंट स्टाइल के लोग अपनी समस्याओं को खुद हल करना चाहते हैं और दूसरों से मदद नहीं मांगते हैं। वे दूसरों से इमोशनली जुड़ने से भी डरते हैं।

ये हैं अवॉइडेंट अटैचमेंट के कारण

अवॉइडेंट अटैचमेंट स्टाइल वाले लोग किसी से भी रिलेशन बनाने से बचते हैं। वे अपनी फीलिंग्स आसानी से एक्सप्रेस नहीं कर पाते। इसके पीछे कई कारण हैं।

1. शुरुआती रिश्तों का असर

अटैचमेंट स्टाइल बचपन में ही विकसित हो जाती है। यानी घर-परिवार के वातावरण का बच्चों की मानसिकता पर असर पड़ता है। खासतौर पर पेरेंट्स के साथ संबंध का इस पर गहरा असर पड़ता है। अगर पेरेंट्स बच्चे को प्यार, देखभाल, समर्पण के साथ बड़ा करते हैं तो अवॉइडेंट अटैचमेंट स्टाइल विकसित होने की आशंका कम होती है। वहीं बच्चों से दुर्व्यवहार, प्यार की कमी, ज्यादा सख्ती से बच्चा अवॉइडेंट अटैचमेंट स्टाइल में खुद-ब-खुद चला जाता है।

2. ट्रोमा या नजरअंदाज करना

अटैचमेंट स्टाइल आपकी लाइफ में रिलेशनशिप और मेंटल पीस को भी इफेक्ट करती है। लेकिन इसकी नींव भी बचपन से ही जुड़ी है। यदि बच्चे की भावनाओं या जरूरतों की लगातार आलोचना हो या उसे खारिज किया जाए तो वह यह सीखता है कि अपनी भावनाओं को छिपाना और दूसरों से दूर रहना सेफ है। कई बार ट्रोमा इसका बड़ा कारण होता है, जैसे-हर बात पर बच्चों को नजरअंदाज करना, उन्हें सबके सामने डांटना, उनकी बात-बात पर बेइज्जती करना आदि भी अवॉइडेंट अटैचमेंट स्टाइल का कारण हो सकते हैं।

3. रिश्तों के बुरे अनुभव

कई बार आपका पास्ट, आपके प्रजेंट और फ्यूचर दोनों को इफेक्ट कर देता है। अवॉइडेंट अटैचमेंट इसका एक उदाहरण है। पास्ट में किसी का रिजेक्शन, रिश्ते की विफलता, धोखा आदि भी इसके कारण हो सकते हैं। ऐसे में लोग दूसरों पर विश्वास करना बंद कर देते हैं। वे किसी के नजदीक आने से डरने लगते हैं।

अवॉइडेंट पार्टनर के साथ ऐसे करें डील

अगर आपका पार्टनर भी अवॉइडेंट अटैचमेंट स्टाइल का है तो उसके साथ डील करना एक मुश्किल काम हो सकता है, लेकिन यह नामुमकिन नहीं है। आप अपने प्यार और अपनेपन से उसमें बदलाव ला सकती हैं। लव-काइंडनेस मेडिटेशन इसमें आपका मददगार हो सकता है। इसी के साथ अपने पार्टनर की भावनाओं को समझने की कोशिश करें। पार्टनर को जज करने की जगह उसे कूल करने की कोशिश करें। उसे अपनी स्पेस दें और खुद उसके दिल में स्पेस बनाएं।

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