आज हर पुरुष और महिला अपनेअपने जीवन की प्राथमिकताओं को ले कर व्यस्त है और यही सब से बड़ा कारण है, जिस की वजह से शादी के बाद लोग तनाव के शिकार हो जाते हैं. वैसे जब 2 अनजान या एकदूसरे को जानने वाले व्यक्ति रिश्तों में बंध जाने का निर्णय लेते हैं, तो उन के इस फैसले के बाद उन की शादी उन के लिए असीम खुशियां ले कर आ सकती है तो निराशा, समस्या, गुस्सा और तनाव भरी जिंदगी में भी धकेल सकती है.
जाहिर है कि ऐसा अपने साथी द्वारा लगातार सताए जाने, आलोचना करने और नीचा दिखाने की भावना की वजह से होता है.
होता क्या है दरअसल, शादी के बाद आप के साथी की उम्मीदें आप से बढ़ने लग जाती हैं और आप अपने व्यस्त कार्यक्रमों की वजह से उन की ख्वाहिशें पूरी कर पाने में असमर्थ होती हैं. यह सिलसिला जारी रहता है और बाद में तब तनाव की वजह बन जाता है, जब कोई शादी की वजह से उपजी इन समस्याओं से निबटने के लिए शराब की मदद लेने लग जाता है, एकदूसरे से दूरी बनाने लगता है, एकदूसरे को नजरअंदाज करने लगता है या भड़ास निकालने के लिए गुस्सा करता है.
शादी 2 व्यक्तियों का मिलन है, जिस में दोनों एकदूसरे के पूरक होते हैं. हो सकता है कि दोनों में एक व्यक्ति अधिक खर्चीला हो, तो दूसरा खर्च करने से पहले सोचने की सलाह दे सकता है. या एक अंतर्मुखी हो तो दूसरा बहिर्मुखी हो सकता है. अगर ऐसा नहीं होगा तो पतिपत्नी दोनों ही जम कर खर्च करेंगे और वे कभी बचत या पूंजी निवेश नहीं कर पाएंगे.