जादू की मीठी झप्पी सचमुच कितनी जादुई है, इस को वही महसूस कर सकता है, जो अपने प्यार को एक नर्म, सुंदर स्पर्श से अभिव्यक्त करना जानता है. चिकित्सक भी मानते हैं कि कुछ सैकंड के झप्पी या आलिंगन दवा सा प्रभाव दिखाता है.
यों पूरी दुनिया में गले लगा कर झप्पी देनेलेने के तरीके सिखाने वाले क्लब तक बने हुए हैं और आलिंगन से जुड़े अनेक उत्सव पूरी दुनिया में मनाए जा रहे हैं, फिर भी अचानक या किसी बधाई के रूप में एकदूजे को दिया जाने वाला आलिंगन तो अपनेआप में अनूठा है ही.
सार्वजनिक रूप से शुरुआत
सब से पहले सार्वजनिक रूप से आलिंगन को अमेरिका में विधिवत रूप से किया जाना शुरू किया गया था. हालांकि कुछ स्रोतों का कहना है कि जब से दुनिया शुरू हुई प्रेमीप्रेमिका या मित्र आलिंगन करते हैं.
हां, यह बात जरूर है कि सीने से लगाने की यह भावना चोरीछिपे पूरी की जाती होगी और मारे शर्म से कोई इस का लाभ ही नहीं ले पाता होगा, तब किसी जागरूक व्यक्ति ने इस को खूब फैलाया होगा.
फिर भी यह माना जाता है कि लगभग 50 साल पहले यह प्रथा कुछ यूरोपीय छात्रों द्वारा आविष्कृत की गई थी. उस समय बोझिल लैक्चरों से उकता कर कुछ छात्रों द्वारा यह तरीका खोजा गया था.
यूरोप के छात्रों को तकनीकी विषयों ने लगातार सुस्त और निराश कर दिया तो यह उपाय खोजा गया. उन्होंने पठनपाठन के दौरान उदास करने वाले और ऊब पैदा करने वाले सत्र के अवसाद के बाद जम्हाई लेते सहपाठियों को प्यार से हग कर के सत्र खत्म होने का जश्न मनाने का फैसला किया. इस के परिणाम बेहद शानदार रहे थे. हौलेहौले ही सही, यह हग किसी स्वार्थ और विशेष कारण के बिना भी गले लगाने का एक बहाना बनता चला गया.
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