‘‘नहीं, आज नहीं,’’ अजय ने जैसे ही भारती को अपने करीब खींचने की कोशिश की, भारती ने झट से उसे पीछे धकेल दिया.

‘‘यह क्या है? कुछ समय से देख रहा हूं कि जब भी मैं तुम्हारे पास आना चाहता हूं, तुम कोई न कोई बहाना बना कर दूर भागती हो. क्या अब मुझ में दिलचस्पी खत्म हो गई है?’’ अजय ने क्रोधित स्वर में पूछा.

‘‘मुझे डर लगता है,’’ भारती ने उत्तर दिया.

‘‘2 बच्चे हो गए, अब किस बात का डर लगता है?’’ अजय हैरान था.

‘‘इसीलिए तो डर लगता है कि कहीं फिर से प्रैग्नैंट न हो जाऊं. तुम से कहा था कि मैं औपरेशन करा लेती हूं, पर तुम माने नहीं. तुम गर्भनिरोधक का इस्तेमाल करना पसंद नहीं करते, इसलिए मैं किसी किस्म का रिस्क नहीं लेना चाहती हूं.’’

भारती की बात सुन कर अजय दुविधा में पड़ गया कि पत्नी कह तो ठीक रही है, लेकिन वह भी क्या करे? उसे कंडोम का इस्तेमाल करना पसंद नहीं था. उसे लगता था कि इस से सहवास का मजा बिगड़ जाता है, जबकि भारती को लगता था कि अगर वे कोई कौंट्रासेप्टिव इस्तेमाल कर लेंगे तो यौन संबंधों का वह पूरापूरा आनंद उठा सकेगी.

अब सुजाता की ही बात लें. उस का बेटा 8 महीने का ही था कि उसे दोबारा गर्भ ठहर गया. उसे अपने पति व स्वयं पर बहुत क्रोध आया. वह किसी भी हालत में उस बच्चे को जन्म देने की स्थिति में नहीं थी, न मानसिक न शारीरिक रूप से और न ही आर्थिक दृष्टि से. पहले बच्चे के जन्म से पैदा हुई कमजोरी अभी तक बनी हुई थी, उस पर उसे गर्भपात का दर्द झेलना पड़ा. वह शारीरिक व मानसिक तौर पर इतनी टूट गई कि उस ने पति से एक दूरी बना ली, जिस की वजह से उन के रिश्ते में दरार आने लगी. जब पति कंडोम का इस्तेमाल करने को राजी हुए तभी उन के बीच की दूरी खत्म हुई.

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