आज अदीति अपनी जिस शादी को बचाने के लिए काउंसलर के चक्कर काट रही थी, उस के पीछे एक बहुत ही साधारण सा मगर जटिल कारण है. अदीति और उस के पति की सैक्स लाइफ में कई जटिलताएं थीं, जो अभिव्यक्ति की असफलता से शुरू हो कर घुटन और निराशा में तबदील हो गई थीं.
आखिर ऐसी क्या बात हुई जो सैक्स जैसा मनोरंजक विषय घुटन का कारण बन गया? पतिपत्नी के बीच सैक्स लाइफ प्रगाढ़ संबंध की निशानी है. इस में सुरक्षा का एहसास, नाजुक अनुभूतियां, आपसी तालमेल, प्रेम की गहराई वह सब कुछ होना चाहिए, जो स्थाई और ऊर्जावान संबंध के लिए जरूरी है. पर इस के लिए कुछ जुगत भी करनी पड़ती है. अच्छे सैक्स जीवन और गहरे रिश्ते के एहसास के लिए अभिव्यक्ति की आजादी को स्वीकारना पड़ता है.
दोनों पतिपत्नी का रूटीन की तरह सैक्स को निभाते जाना न सिर्फ सैक्स लाइफ में उबाने वाली शिथिलता ला देता है, बल्कि रिश्ते के असफल हो जाने में भी कोई कसर नहीं रहती. शहर कहें या गांव, भारतीय और इसलामिक समाज में स्त्रियों के लिए सैक्स पर चर्चा तथा इस मामले में अपनी इच्छाओं की अभिव्यक्ति को नीच मानसिकता कह कर अनुत्साहित किया जाता है. वैसी स्त्रियां जो अपने पार्टनर से सैक्स के बारे में अपनी इच्छाएं खुल कर कहना चाहती हैं सभ्य और सुसंस्कृत नहीं मानी जातीं. बड़े शहरों की बिंदास लड़कियों को छोड़ दें, तो बाकी सैक्स को पति की सेवा का ही अहम हिस्सा मान कर चलती हैं तथा अपनी इच्छाअनिच्छा पति से बोलने की जरूरत महसूस नहीं करतीं.
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