उपहारों का लेनदेन भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है. होली, दीवाली जैसे तीज त्यौहार, जन्मदिन, शादी की वर्षगांठ तथा गृहप्रवेश जैसे अनेकों अवसर होते हैं जिन पर उपहारों का लेनदेन होता ही है. उपहारों का सम्बंध सीधा हमारी भावनाओं से जुड़ा होता है इसके साथ ही अक्सर हम अपने घर में रखे उपहारों का भी प्रयोग करते हैं क्योंकि कई बार वस्तु डबल हो जाती है या हम उसका उपयोग नहीं करते हैं तो उसका उपयोग लेने देने में कर देते हैं परन्तु अक्सर इन रखे हुए उपहारों को देते समय हम गल्तियां कर जाते हैं और अनजाने या लापरवाही में की गई ये गल्तियां कई बार हमारे रिश्तों पर ही भारी पड़ जातीं हैं.
दीक्षा अपनी एक घनिष्ठ पारिवारिक मित्र के गृहप्रवेश में बहुत सुंदर गणेश की प्रतिमा लेकर गयी जो उसे भी कहीं से मिली थी, गिफ्ट करते समय उसने यह देखा ही नहीं कि पैकेट के अंदर देने वाले का नाम पता लिखी एक स्लिप पड़ी है. जब उसकी मित्र ने उत्सुकता से दीक्षा का उपहार खोला तो उसके अंदर गिफ्ट पेपर और नाम की स्लिप देखकर उसका मन ही बुझ गया.
दीवाली के अवसर पर रीना ने अपने पड़ोसी के यहां हल्दीराम की काजू कतली उपहारस्वरूप लेकर गयी खरीदते समय वह उस पर एक्सपायरी डेट देखना भूल गयी जिससे उसके पड़ोसी को लगा कि रीना ने काफी समय से रखी मिठाई उसे दी है जिससे कहीं न कहीं दोनों के मन में खटास ने जन्म ले लिया.
अनामिका के द्वारा अपनी जेठानी को दीवाली में दिए गए दीवान सेट में धूल की लाइनें और जगह जगह निशान बने हुए थे जो पूरी तरह अनुपयोगी था . जब जेठानी मिली तो उसने अनामिका को खूब खरी खोटी सुनाई और तब से दोनों के संबंधों में खटास आ गयी.
अपने किसी मित्र या नाते रिश्तेदार को उपहार देने का सीधा सम्बन्ध उसके साथ आपकी भावनाओं की अभिव्यक्ति से होता है और इस लेनदेन के समय कुछ छोटी छोटी बातों का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक होता है ताकि रिश्ते प्रगाढ़ हों न कि उपहार उनमें खटास का कारण बनें-
-उपहार देते समय ध्यान रखें कि आपके द्वारा दिया गया उपहार सामने वाले के लिए उपयोगी हो.
ये भी पढ़ें- एक दूसरे को समझो-समझाओ
-रखे हुए उपहार को देने से पहले खोलकर जांच लें कि वह कटा, फटा या गंदा न हो कई बार काफी समय तक खुला रखा रहने के कारण वस्तु या कपड़े पर धूल की परत चढ़ जाती है.
-यदि आप घर में रखी मिठाई को उपहारस्वरूप ले जा रहीं हैं तो ध्यान रखें कि वह पैक्ड और एक्सपायरी डेट वाली न हो.
-सीमा के घर में काजू कतली किसी को पसन्द नहीं थी सो एक दो पीस खाकर सभी ने छोड़ दी सीमा ने उसी पैकेट को क्लिंग फ़िल्म से रैप किया और अपनी जेठानी के यहां जाते समय ले गयी जेठानी को उसकी चतुराई समझ आ गयी और उन्होंने सीमा को आगे से मिठाई लाने से सख्त मना कर दिया.
-निशा ने अपने बेटे के विवाह में सभी घनिष्ठ मित्रों को चादरें भेंटस्वरूप दीं….. उनके एक मित्र ने वही चादर उसके जन्मदिन पर उपहार में दे दी…जिसे निशा ने पहचान लिया..तब से निशा ने अपनी उस दोस्त के परिवार से दूरी बना ली. उपहार देते समय ध्यान रखें कि कहीं आप उसी का दिया उपहार तो वापस नहीं कर रहीं हैं.
-भले ही आप घर में रखा उपहार दें परन्तु उसे नए गिफ्ट पेपर से रैप अवश्य करें ताकि उपहार की नवीनता बनी रहे.
-उपहार देते समय अवसर का ध्यान अवश्य रखें मसलन शादी की वैवाहिक वर्षगांठ पर घरेलू उपयोग की वस्तु, जन्मदिन पर व्यक्तिगत उपयोग की वस्तु और होली दीवाली जैसे पर्व पर मिठाई या किचिन की वस्तु उपहार में देना उचित रहता है.