आज के युवावर्ग को आमिर खान से सीखने की जरूरत है, क्योंकि आज के युवाओं में धैर्य की कमी है. उन्हें हर काम में जल्दबाजी होती है. खाना खाना हो तो जल्दी, कहीं जाना हो तो जल्दी, सड़क पर गाड़ी चलाना हो तो जल्दी, गर्लफ्रैंडबौयफ्रैंड बनाना हो तो जल्दी, ब्रेकअप करना हो तो जल्दी. वे समय दे कर काम खत्म करने की बजाय फटाफट करना चाहते हैं. उन्हें लगता है जिस तरह से एक क्लिक में गूगल पर हर सवाल का जवाब मिल जाता है, उसी तरह लाइफ में भी हर काम फटाफट करो और ऐंजौय करो. सोचनासमझना तो पुरानी पीढ़ी का काम है. वे तो यंग जैनरेशन हैं. अगर किसी बात के लिए पेरैंट्स कुछ कहते भी हैं तो उन का जवाब होता है कि किस के पास इतना समय है कि बैठ कर सोचे. अगर आगे बढ़ना है तो तेज भागना होगा.

जल्दबाजी में युवा भले ही काम तुरंत खत्म कर लेते हैं, पर वे इस बात को नहीं समझ पाते कि जल्दबाजी में किए गए काम में कुछ न कुछ कमी अवश्य रह जाती है.

आइए जानते हैं जल्दबाजी में किसकिस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है:

जल्दबाजी में होती है कन्फ्यूजन: जो लोग जल्दबाजी में होते हैं वे जल्दीजल्दी बोलते हैं, सामने वाले को बात खत्म करने का मौका नहीं देते, बीच में ही टोकते रहते हैं, किसी की बात ध्यान से नहीं सुनते और जब उन्हें कोई काम दिया जाता है तो उसे वे कर नहीं पाते. तब उन्हें कन्फ्यूजन होती है कि क्या करें और क्या नहीं. कई बार तो सामने वाले की बात में हामी भर देते हैं और बाद में अफसोस करते हैं कि क्यों हामी भरी.

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