रेखा ने अपने विवाह के पहले साल में ही यह नोट कर लिया था कि उस के पति अनिल को दूसरी महिलाओं से फ्लर्ट करने की आदत है. पहले तो उस ने सोचा कि शादी से पहले सभी लड़के फ्लर्ट करते ही हैं. अनिल की आदत भी धीरेधीरे छूट ही जाएगी, पर ऐसा हुआ नहीं.
वह हैरान थी कि कैसे उस की मौजूदगी में भी अनिल दूसरी महिलाओं से फ्लर्ट करने का मौका नहीं छोड़ता. दोनों के 2 बच्चे भी हो गए.
रेखा सोचती, मेरे सामने ही जब यह हाल है, तो औफिस में या बाहर क्याक्या करते होंगे? अनिल की हरकतें देख वह एक अजीब से अवसाद में रहती.
एक दिन तो हद ही हो गई. उसी की सोसाइटी में रहने वाली एक खास फ्रैंड रीना शाम को उस के घर आई. अनिल घर पर ही था. जब तक रीना के लिए रेखा चाय ले कर आई, अनिल रीना से खुल कर फ्लर्ट करने वाली हरकतें कर रहा था. रेखा को बहुत गुस्सा आया.
रीना के जाने के बाद उस ने अनिल से गुस्से में पूछा, ‘‘रीना से इतनी फालतू बातें करने की क्या जरूरत थी?’’
अनिल ने कहा, ‘‘मैं तो सिर्फ उस से बातें कर रहा था. वह हमारी मेहमान थी.‘‘
जब बरदाश्त से बाहर हो जाए
ऐसा फिर हुआ, अनिल नहीं माना. रीना जब भी घर आती और अनिल घर पर होता, तो वह वहीं डटा रहता. न कभी वह उठ कर अंदर जाता कि अपना कोई काम कर ले.
और एक दिन तो हद ही हो गई, जब उस ने रीना का मजाकमजाक में हाथ पकड़ लिया. जब वह घर जाने के लिए उठी, तो अनिल ने उस का हाथ पकड़ कर कहा, ‘‘अरे, थोड़ी देर और बैठो. यहीं सोसाइटी में ही तो जाना है.‘’