शशि बंसल गोयल

खुशबू की तरह सांसों में बसती है तू

लहू बनकर मेरी आँखों से बहती है तू

जिसके साये से भी ग़म दूर भाग जाए

ऐसी है मेरी प्यारी दोस्त मेरी जान तू

ज़माने ने दिए हों भले ही लाख दोस्त

मेरी होठों की हंसी का कारण सिर्फ़ तू

जिसके नाम के शुरू में ही 'संग' है जुड़ा

ऐसी है सबसे प्यारी दोस्त मेरी " संगीता "

ये भी पढ़ें- Friendship Day Selfie: तेरे जैसा यार कहां

Friendship Day Selfie: जिंदगी में दोस्त नहीं दोस्तों में जिंदगी होती है

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...