मुझे अभी भी याद आता है, जब मैं अपने घर पर तैयार हो रही थी, क्योंकि मुझे माँ के पास भाई को राखी बाँधने जाना था. मैंने बेटे रोहन को जल्दी तैयार किया और जाने की तैयारी करने लगी, तभी माँ का फ़ोन आता है कि आते हुए रास्ते से मिठाई लेते आना, क्योंकि रिया आज आ रही है. उसके पास समय नहीं होगा. माँ की ये बात सुनकर सीमा को पहले गुस्सा आया, उसके नजदीक रहने की वजह से माँ हर काम उसे ही सौंप देती है. जबकि वह भी मुंबई में पली-बड़ी है, उसे भी सब मालूम होगा.दो बहनों के भाई राजीव को रक्षाबन्धन पर दोनों बहने राखी बांधती है, बचपन में सभी साथ थे, लेकिन बड़े होने पर सभी अलग हो गए, लेकिन राजीव से बड़ी बहन सीमा और उससे छोटी बहन रिया की शादी होने पर वे अपने ससुराल चले गए. सीमा मुंबई में रहती है, इसलिए भाई को राखी बाँधने हर साल आती है, जबकि रिया दुबई में रहती है,पर राखी पर आने की हमेशा कोशिश करती है.
भावनाओं को महत्व देती त्यौहार
हमारे देश में वैसे तो कई खुशियों के त्यौहार होते है, लेकिन राखी उनमे सबसे अधिक खुशियाँ देता है. इस त्यौहार में भाई-बहन के रिश्ते को एक रेशम की डोरी के द्वारा भावनाओं को गहराई में उतरने का मौका मिलता है. सावन का महीना वैसे भी साज-श्रृंगार और प्यार-अनुराग का प्रतीक होता है, ऐसे में यह त्यौहार सभी भाई-बहनों के दिल में उमंग भर देता है. इस त्यौहार पर बहने भाई को ऐसी राखियाँ बांधे, जो उनके जीवन को प्रेरित करें, क्योंकि इस बार राखीप्यार, विश्वास, मुस्कान, स्वतंत्रता और क्षमा की. इसमें एकाकी होते परिवार में भूमिका होती है, पेरेंट्स की, जो इस रिश्ते को सालों साल मजबूत बनाए रखने की दिशा में अहम भूमिका निभाते है.
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