अगर कोई बच्चा कोई शरारत करे, तो मांबाप क्या करेंगे? उसे 1-2 चपत लगा देंगे, डांट देंगे या अधिक से अधिक एक समय का खाना बंद कर देंगे.
मगर जापान के टोक्यो शहर में एक मांबाप ने अपने 7 साल के बच्चे को सजा के तौर पर घने जंगल में छोड़ दिया, जहां जंगली जानवरों का बोलबाला था. मांबाप को अपनी गलती का भान तब हुआ जब 5 मिनट बाद वे वापस बच्चे को लेने पहुंचे. मगर वह कहीं नहीं मिला. 1 हफ्ते तक घने जंगल में बच्चे की तलाश की गई. पूरी दुनिया में यह खबर आग की तरह फैल गई और पेरैंट्स को खूब कोसा जाने लगा.
3 जून, 2016 को यामातो तानूका नामक यह बच्चा एक मिलिटरी कैंप में मिला. वहां उस ने एक झोंपड़ी में शरण ली थी. पानी पी कर और जमीन पर सो कर उस ने खुद को जिंदा रखा था.
एक इंटरव्यू में उस बच्चे के पिता ने रुंधे गले से कहा कि उस ने यामातो से माफी मांगी.
दरअसल, कुछ पेरैंट्स बच्चे को परफैक्ट बनाने के चक्कर में कभीकभी इतनी अधिक सख्ती कर बैठते हैं कि बाद में उन्हें पछताना पड़ता है.
2011 में एमी चुआ नाम की येल प्रोफैसर ने अपनी किताब ‘बैटल हाइम औफ द टाइगर मदर’ में टाइगर मौम की अवधारणा का जिक्र किया. टाइगर मौम पेरैंट्स से तात्पर्य ऐसे स्ट्रिक्ट और डिमांडिंग पेरैंट्स से है, जो अपने बच्चों पर हर क्षेत्र में बेहतर परफौर्मैंस देने का दबाव डालते हैं. पढ़ाई के साथसाथ दूसरे अवार्ड विनिंग क्षेत्रों में भी अव्वल रखने का प्रयास करते हैं ताकि आज के प्रतियोगी युग में बच्चे अपना स्थान सुरक्षित कर सकें.