अक्सर ऐसा होता है कि जब आप की शादी हो जाती है तो न केवल आप नए लोगों से जुड़ जाते हैं. बल्कि आप नई जिम्मेदारियां व नए कर्तव्व्यों से भी जुड़ जाते हैं. दूल्हा या दुल्हन जोकि आज तक केवल एक बेटा या बेटी थे अब बहू व दामाद बन जाते हैं. ऐसा ही मम्मी व पापा के साथ भी होता था जोकि आज तक सिर्फ एक बच्चे के माता पिता थे वह अब सास व ससुर बन जाते हैं. इस दौरान कई बार ससुराल वालों के साथ एडजस्ट करते समय दिक्कत होती है जिस कारण बहुत सी शादियां टूट भी जाती हैं.
ससुराल वालों के साथ एडजस्ट होने में आने वाली चुनौतियां
गलत अनुमान लगा लेना : कई बार हम अपने ससुराल वालों के लिए पहले से ही गलत सोच कर चलते हैं क्योंकि समाज ने व किसी हमारे जानकार जिसके रिश्ते अपने ससुराल वालों के साथ अच्छे नहीं होते हैं उन्होंने यह हमें बताया होता है तो हम वहीं मान लेते हैं. परन्तु ऐसा नहीं होता आप को पहले से ही अनुमान नहीं लगाना चाहिए कि यदि आप ससुराल वालों के साथ रहेंगी तो आप को प्राइवेसी व स्वतंत्रता नहीं मिलेगी. ऐसा कुछ केस में होता है न कि हर एक में. ऐसा ही सास ससुर के साथ भी होता है.
बेटे का सास व बहू के बीच फस कर रह जाना : ज्यादा तर ऐसा होता है कि बहू व सास के बीच लड़का फस कर रह जाता है. वह दोनो ही उसके लिए एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा करती हैं जिससे सास के अपने बेटे के साथ व पति के अपनी पत्नी के साथ रिश्ते बिगड़ने की सम्भावना होती है.