ऐसा अक्सर होता है कि जब आप की नई नई शादी होती है तो आप के कुछ ससुराल वाले बहुत अलग होते हैं तो हो सकता है आप कितना ही उनके साथ अच्छी तरह पेश आएं, पर वह आप के साथ थोड़ा बहुत नकारात्मक व्यवहार अवश्य करेंगे. ऐसे में सम्भव है कि आप को बहुत गुस्सा भी आए. परंतु यह समय गुस्सा करने का नहीं बल्कि उनका दिल जीतने का है. यदि आप कुछ बातो का ध्यान रखेंगी तो अवश्य ही आप उनके दिल में अपने लिए जगह बना पाएंगे.
उदाहरण- शादी के कुछ महीने बीतते बीतते मेरे कई भ्रम टूटने लगे. मुझे समझ आने लगा था की यह व्यक्ति, जो मेरा पति है, इसमें इसकी डिग्री के अलावा सब कुछ झूठ है. उसके परिवारिक संस्कार से लेकर, उसकी जीवनशैली, खान-पान, पुराने समय की सोच सब. यहां तक कि हमारे रिश्ते से उसकी उम्मीदों तक सब कुछ फरेब था. मगर जो मुझे सबसे ज़्यादा खटका वो था उसके संस्कारों का खोकलापन. कहना है एक अध्यापिका का जो अब अपने पति से अलग हो चुकीं.
रिलेशनशिप काउंसलर एंजिला शेरगिल का कहना है कि," देखा जाए तो परिवार टूटने के मूल में है महिलाओं का आपसी सामंजस्य का अभाव, घर की महिला का खराब स्वभाव और रिश्तों में अत्यधिक अपेक्षाएं.सास को एक बेटी के रूप में बहू का स्वागत करना चाहिए,ना कि उसे घर के नौकर के रूप में देखना चाहिए. बहुत सी बार बहू को कोई आजादी ही नहीं दी जाती. कभी-कभी तो अगर संयुक्त परिवार होता है तो ससुराल वाले अपने बेटे और बहू को पर्सनल स्पेस तक नहीं देते. कम से कम एक दूसरे को समझने का मौका दें उनको.सााथ ही मैं यह कहना चाहूंगी कि एक सास को हमेशा सोचना चाहिए कि "मेरी बहू वह महिला है जिसे मेरे बेटे ने अपना सबसे अच्छा दोस्त माना है ". तब कोई समस्या ही नहीं होगी.. जानते है जरूरी बातें ताकि हर लड़की ससुराल में सामांजस्य बिठा पाये.