परिवार हमेशा खास होता है,चाहे वह पास रहे या दूर. लेकिन जब हम अपने जीवनसाथी के परिवार से दूर रहते हैं, जैसे सास, ननद या जेठानी, तो उन से दोस्ताना संबंध बनाए रखना मुश्किल तो हो सकता है लेकिन नामुमकिन नहीं.

रिश्तों में भावनात्मक जुड़ाव भी माने रखता है इसलिए दूर होने के बावजूद रिश्तों को बनाए रखना संभव है, बशर्ते हम समझदारी और संवेदनशीलता से काम लें. दोस्ताना व्यवहार, संवाद और सम्मान इन रिश्तों की नींव को मजबूत बनाए रखते हैं.

ऐसे में, सवाल उठता है कि जब परिवार के सदस्य एकदूसरे से दूर हों, तो रिश्तों में मिठास और जुड़ाव कैसे बनाए रखें. इस के लिए कुछ सरल उपाय अपनाए जा सकते हैं, जो रिश्तों को मजबूत और खुशहाल बनाए रखते हैं.

नियमित बातचीत है जरूरी

कई बार पति की नौकरी के चलते परिवार को छोड़ कर बहू को अपनी नई गृहस्थी बसाने के लिए दूसरे शहर जाना पड़ता है. ऐसे में परिवार से दूर रहने पर सास, ननद या जेठानी से अपनेपन का जुड़ाव कम हो जाता है लेकिन दूरी होने के बावजूद रिश्तों में गरमाहट बनाए रखने का सब से सरल तरीका है, नियमित बातचीत. परिवार की सभी औरतों के साथ व्हाट्सऐप ग्रुप बना कर बातचीत जारी रखें और आप जो भी कुछ नई डिश बना रही हैं उसे ग्रुप पर शेयर करें, उन से सलाह लें.

इस के अलावा आप फोन कौल, वीडियो कौल के माध्यम से सास, ननद या जेठानी से संपर्क में रह सकती हैं. इस से उन्हें लगेगा कि आप उन के बारे में सोचती हैं और उनवका ध्यान रखती हैं.

छोटेछोटे पलों को खास बनाएं

रिश्तों में प्यार और अपनापन बनाए रखने के लिए छोटेछोटे मौके बहुत अहम होते हैं. जैसे उन की सालगिरह, जन्मदिन या किसी खास अवसर पर शुभकामनाएं भेजना. इस से उन्हें यह एहसास होगा कि आप दूर रह कर भी उन के जीवन के महत्त्वपूर्ण पलों का हिस्सा बन रहे हैं.

छोटीछोटी खुशियों को बांटना रिश्तों में मिठास लाता है. आप विशेष अवसरों पर या बिना किसी विशेष कारण के भी सास, ननद या जेठानी को छोटेछोटे उपहार भेज सकती हैं. इस से उन्हें लगेगा कि आप उन के प्रति स्नेह और प्रेम रखती हैं.

बराबर का समझें

आप अलग शहर में हों या एक ही शहर में, कभी न कभी एकदूसरे के घर जाने क मौका मिलता ही है. ऐसे में बराबरी से ही बात बन सकती है. काम करने में छोटा या बड़ापन न जताएं बल्कि बराबर का समझें.

अगर आप अपनी जेठानी के घर में या ननद के घर में जाएं तो खुद को मेहमान न समझें बल्कि हर काम में उन का हाथ बटाएं और यही बात ननद के लिए भी है कि भाभी को यह एहसास कराएं कि वह ननद है तो क्या पूरी हैल्प करने को तैयार है.

अनुभवों में दिलचस्पी दिखाएं

यदि आप की सास, ननद या जेठानी को किसी खास काम में महारत हासिल है, तो उन के कार्यों के बारे में पूछें और दिलचस्पी दिखाएं. उन के अनुभवों, शौकों और उपलब्धियों के बारे में जानकारी लेना और तारीफ करना आप के रिश्तों को और भी मधुर बना सकता है.

मिलने के मौके ढूंढ़ें

कभीकभी दूरी के कारण मिलने के मौके कम हो सकते हैं, लेकिन जब भी समय मिले परिवार के साथ रहने का मौका न चूकें. छुट्टियों, त्योहारों या किसी खास अवसर पर एकदूसरे से मिलने की योजना बनाएं. परिवार के साथ बिताया गया समय रिश्तों को ताजगी देता है और भावनात्मक रूप से आप को करीब लाता है.
डिस्टैंश बस का हो या रेल का या फिर ओवरनाइट जर्नी ही क्यों न हो, आप उन्हें मिलने जाएं या वे आप से मिलने आएं, उस समय को पूरी तरह से ऐंजौय करें. परिवार के साथ बिताया गया समय, हंसीमजाक, बातचीत और साथ में भोजन करने से रिश्ते और भी मजबूत बनते हैं. ये क्षण दूरी को भरने का काम करते हैं.

एकदूसरे के प्रति सहानुभूति रखें

जब हम अपनों से दूर रहते हैं तो दूरी के कारण कई बार गलतफहमियां पैदा हो सकती हैं. ऐसे में सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण रखना बहुत महत्त्वपूर्ण है. जब भी कोई समस्या हो या किसी तरह का मतभेद हो, तो धैर्यपूर्वक बात करें और एकदूसरे की भावनाओं को समझने की कोशिश करें. सहानुभूति रिश्तों में मिठास और सामंजस्य बनाए रखने में मदद करती है.

पारिवारिक परंपराओं को बनाए रखें

परिवार की पुरानी परंपराओं को बनाए रखना रिश्तों को मजबूत करता है. चाहे त्योहार मनाने की परंपरा हो या विशेष अवसरों पर एकदूसरे को बधाई देने की, इन्हें जारी रखना आप के रिश्तों में मिठास घोलता है. यदि परिवार के सदस्य दूर हैं, तो भी आप वर्चुअल तरीकों से इन परंपराओं को निभा सकते हैं.

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