फेस्टिव सीजन दस्तक देने को है. ऐसे में कहीं दिवाली पर घर में व्हाइट वाश कराने की चर्चा है, तो कहीं लोग डेकोरेशन के लिए DIY करने की तैयारी में हैं. कुछ को तोहफों की फिक्र सता रही है, वो क्या है कि पिछली बार रीता ने अपने सास और ननद को जो गिफ्ट दी वो उन्हें खास पसंद नहीं आई, अब सास को पसंद है बनारसी लेकिन रीता ने उन्हें गिफ्ट की कौटन साड़ी. ऐसे में सास का मूड खराब की उनकी पसंदनापसंद को अच्छे से जानते हुए रीता ने उन्हें ऐसा गिफ्ट क्यों दिया. दूसरी ओर रीता का भी मूड औफ हो गया, वो सोच रही है कि पूरा दिन घर में सजावट, तरहतरह के पकवान बनाने के बाद अगर गिफ्ट थोड़ा आम हो गया तो क्या ही बात है. लेकिन उसकी सास की सोच जरा उससे जुदा है. उन्होंने तो गिफ्ट पसंद न आने की नाराज़गी भी सब रिश्तेदारों के सामने ही बयां कर दी. ऐसे में रिश्तेदारों, दोस्तों से भरे घर का मौहोल थोड़ा भारी हो गया. और रही बात रीता की तो, इतनी मेहनत के बाद भी वो फेस्टिवल का मजा नहीं उठा पाई, सिर्फ किचन और डाइनिंग रूम के चक्कर ही काटती रह गयी कि कहीं मेहमानों की आवभगत में कोई कमी न रह जाए.
दोस्ती का हाथ बढ़ाएं
त्योहार हम सब के जीवन में कुछ अच्छा होने की उम्मीद लेकर आते हैं. जहां हमें अपने खास लोगों से मिलने और खुशियां बांटने का मौका मिलता है. हम एक दूसरे को ऐसा तोहफा देना चाहते हैं, जिसे देख उनका चेहरा दिवाली की लाइटों की तरह ही मुस्कुराहट से जगमगा जाए. लेकिन इस सब साजसज्जा, गिफ्ट्स, कपड़ों के चक्कर में हम भूल जाते हैं कि त्यौहार सिर्फ मैटेरियलिस्टिक चीजों से नहीं रिश्तों से खास बनते हैं. तो क्यों न इस बार हम रिश्तों को एक नया नज़रिया दें. सास को सास न समझ कर उन्हें अपनी दोस्त बनाएं. ननद को मेहमान न समझकर एक दोस्त की तरह पेश आएं. बहरहाल ताली एक हाथ से नहीं बजती इसलिए हर रिश्ते को अपनी ओर से दोस्ती का हाथ बढ़ाना होगा. सोचिए अगर घर में रिश्तों की बंदिश न हो और सब छोटे-बड़े एक दूसरे दोस्तों की तरह पेश आएं तो क्या ही नजारा होगा.
मूड लाइट करने के लिए सिंपल फन गेम्स खेलें
जब किटी पार्टी में जातें तो सभी फ्रेंड्स मिलकर नएनए गेम्स खेलते हैं. कोई मेजबान कोई मेहमान नहीं होता. पार्टी को सक्सेस करने के लिए सब एक बराबर मेहनत और एंजौय करते हैं. हाउस पार्टी में रंग भरने में सिंपल गेम्स आपकी मदद करते सकते हैं. जैसे, हुला हूप चैलेंज( इसमें जो सबसे ज्यादा देर तक हुला हूप को अपने कमर के इर्दगिर्द घुमाएगा वो विजता होगा), पिंग पोंग (टेबल के एक ओर प्लास्टिक के कप से पिरामिड बनाकर सबको 3 चांस मिलेंगे, जिसमें जो सबसे ज्यादा कप गिराएगा वो विजेता बनेगा), तंबोला जैसे गेम्स खेले जा सकते हैं. जिससे आपके घर आए मेहमान खूब मजे करे. हां, जीतने वाले का हौंसला बढ़ाने के लिए आप चौकलेट्स जैसे कोई गिफ्ट भी ज़रूर रखें. इन गेम्स में बच्चों से लेकर दादादादी सब हिस्सा करके एजौय कर सकते हैं.
गपशप करें
किसी पार्टी की जान ही उसमें होने वाली गपशप है. तो जैसे आप अपने दोस्तों से मिलकर अपने दिल की बात उनसे कहने का इंतजार करती हैं, ठीक वैसे ही अपने रिश्तों में भारीपन को हटाने की कोशिश करें. अपने मन की बात, अपनी पसंद, ना पसंद शेयर करें. फ्रैंडशिप में नो एक्सपेक्टेशन के नियम को रिश्तों में भी लागू करें. एक दूसरे से रिश्ते में महंगे गिफ्ट्स, मेहमान नवाज़ी या जबरदस्ती की इज्ज़त की अपेक्षा न करें. खुद पहल करें, दोस्ती का हाथ बढ़ाएं. एक दूसरे को बिना जजमेंट स्वीकार करें. जब आपस में मिलें तो नकचड़े रिश्तेदारों की तरह कमियां गिनाने पर नहीं, बल्कि दोस्तों की तरह खूबियां गिनाने और अच्छे काम पर तारीफ करना शुरु करें.
गिफ्ट हो थोड़ा हटके
ऐसा क्यों है कि आपको अपनी सास या नंद को साड़ी या शाल ही गिफ्ट करनी है. या फिर ससुर हैं तो उन्हें कुर्ता सेट ही गिफ्ट किया जाए. जब रिश्तों में दोस्ती की मिठास घोलनी है तों क्यों न गिफ्ट भी जरा हटके हों?. आप अपने सासससुर को अच्छे टीशर्ट और पेंट या जैकेट भी गिफ्ट कर सकते हैं. जब दोस्तों में गिफ्ट देना हो तो हम कुछ ऐसा तलाश करते हैं जिसे देखकर दोस्त को खुशी मिले, पर्सनलाइज मग पर भी हम उनकी सबसे खूबसूरत की बजाए सबसे फनी फोटो ही प्रिंट कराते हैं. तो क्यों न ऐसा ही परिवार में भी करें. पर्सनलाइज़ मग, फोटो कोलाज, पर्नलाइज़ की-चैन जैसे तमाम गिफ्ट औप्शन आपको किफायती दामों में मिल जाएगें. बस गूगल पर जाकर सर्च कीजिए ‘पर्सनाइज़ गिफ्ट औप्शन’ और आपको एक लंबी लिस्ट आ जाएगी, जहां से गिफ्ट लिया जा सकता है.
मेजबान को दें थोड़ा आराम
अकसर पार्टी में मेजबान मेहमानों के आने से पहले से तैयारियों में लगा होता है, पार्टी के दौरान और बाद के कामों के चलते, वो लंबे अर्से बाद हुए गेटटुगेदर का मज़ा नहीं ले पाते. ऐसे में मेज़बान को भी पार्टी का आनंद लेने दें, सेल्फ सर्व करें और दोस्तों की तरह जिम्मेदारियों को बाटें. अगर मेजबान ने खाने में एक डिश बनाई है तो पहले से उनसे चर्चा कर दूसरी डिश आप तैयार करके ले जाएं. इससे किसी एक पर बोझ नहीं पड़ता. फेस्टिवल सबके लिए एक जैसे होते हैं उसमें हमें तोहफों और मेहमान नवाजी करने और कराने की भावना को त्याग कर दोस्ती की ओर कदम बढ़ाना चाहिए. फिर देखिएगा कैसे आपके त्योहारों में रौनक आती है.